विनय हमारी
विनय हमारी जय शिव शंकर जय त्रिपुरारी सुन लीजो प्रभु विनय हमारी औघड़ दानी घट- घट वासी मेटो तन की सभी उदासी लीलाधर प्रभु लीला न्यारी जय शिव शंकर जय त्रिपुरारी सुन लीजो प्रभु विनय हमारी राम नाम तन भस्म रमाए गले सर्प की माल सुहाए कर त्रिशूल है प्रलयंकारी [...]