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!! “कल्पकथा काव्यगोष्ठी में बरसे विविध काव्यरंग” !!

!! “कल्पकथा काव्यगोष्ठी में बरसे विविध काव्यरंग” !!

कल्पकथा परिवार के संस्थापक पवनेश मिश्रा ने बताया कि हिन्दी भाषा, सद साहित्य, एवं भारतीय संस्कृति, के सम्मान हेतु संचालित एवं समर्पित कल्पकथा साहित्य संस्था एवं स्वयंसेवी संगठन, एवं “रेड क्राफ्ट इंटरनेशनल कोलोन (जर्मनी)” के विशेष सहयोग से दिनाँक ०९ मार्च २०२५ रविवार को आयोजित साप्ताहिक ऑनलाइन काव्यगोष्ठी कार्यक्रम में विविध काव्य रचनाओं ने सभी को भाव विभोर कर दिया।

कार्यकम की शुरुआत वरिष्ठ साहित्यकार श्री कमलेश विष्णु सिंह “जिज्ञासु” जी द्वारा गुरु, गणेश, एवं सरस्वती वंदना, से की गई। जबकि कार्यकम की अध्यक्षता दीदी श्रीमती राधा श्री शर्मा जी द्वारा की गई।

कोंच उप्र के आशुकवि श्री भास्कर सिंह माणिक जी के संचालन में काव्यगोष्ठी में बिनोद कुमार पाण्डेय, ज्योति राघव सिंह, विजय रघुनाथराव डांगे, दुर्गादत मिश्र “बाबा”, कमलेश विष्णु सिंह “जिज्ञासु”, डॉ ऊषा पाण्डेय “शुभांगी”, वसुंधरा रजक, डॉ सुधांशु मिश्र, उर्मिला तिवारी, गोपाल कृष्ण बागी, डॉ पंकज बर्मन, डॉ अंजू सेमवाल, रानी शर्मा, विष्णु शंकर मीणा, राधा श्री शर्मा, एवं पवनेश मिश्रा, ने काव्य पाठ किया।

अंत में सभी ने दैनिक जीवन में हिन्दी के प्रयोग हेतु वचनबद्धता प्रकट करते हुए प्रति दिन अन्य भाषा के एक शब्द के स्थान पर हिंदी भाषा के शब्द का प्रयोग करने की स्वीकृति दी। समापन कल्पकथा संस्थापिका दीदी श्रीमती राधा श्री शर्मा जी के अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ नियमानुसार सभी द्वारा “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की भावना एवं सभी का आभार व्यक्त कर किया गया।
@⁨Sangam Tripati Sir⁩ जी

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