राष्ट्रीय पर्व गणतंत्रता दिवस
राष्ट्रीय पर्व गणतंत्रता दिवस
आकर्षित अंग्रेज भारत आए
हमारे यहां खूब व्यापार किए
आर्थिक अधिकार बल पाए
अहंकार रुपी अस्त्र चलाए
दमन का शासन करने लगे विजया!
क्रुद्ध भारतीय संगठित हुए
गांधी जी के साथ कदम बढ़ाए
करो या मरो का निनाद लिए
क्विट इंडिया आंदोलन चलाए
क्रूर अंग्रेजों को मार भगाए विजया!
अनवरत प्रयासों के पश्चात
स्वतंत्रता पाया हमारा भारत
माने हम इसे हर्ष का संकेत
उन्नीस सौ सैंतालीस 15 अगस्त
मनाए थे राष्टीय पर्व गर्व से विजया!
अंग्रेजों के शासन नियमों से
देश चलता उनके आदेशों से
यह सह ना पाने के कारण से
भारत के नेता देशवासियों से
संपूर्ण स्वतंत्रता की ओर बढ़े विजया!
भारत संपूर्ण स्वातंत्र्य पाने
अपना अधिकार प्राप्त करने
साइमन कमीशन को भगाने
भारत का संविधान को बनाने
एक आयोग का आयोजन किया विजया!
एक भव्य संविधान बनाने में
राजेंद्रप्रसाद जी के नेतृत्व में
तीन वर्ष तीन महीनों में
26 जनवारी उन्नीस सौ पचास में
संविधान लिखे डॉ.अंबेडकर विजया!
यह संविधान 26 नवंबर को
उन्नीस सौ उनचास साल को
संविधान दिवस मानने को
जनवरी माह छब्बीस को
1950 से गणतंत्र दिवस घोषित की विजया!
संविधान लागू किया गया है
हमे कई अधिकारो को दिया है
सब इसके अनुसार चलते हैं
नियमों का पालन करते हैं
स्वेच्छा स्वतन्त्रता से जीते हैं विजया!
हर साल छब्बीस जनवरी को
संविधान के संस्थापकों को
वीर सपूतों के बलिदानों को
सम्मान के साथ याद करने को
गणतंत्र दिवस मनाते हैं विजया!
भारत गणतंत्र बन गया है
आज छब्बीस जनवरी आया है
तिरंगे को शान से फहराते हैं
भारत माता की जय बोलते हैं
राष्टीय पर्व मनाते धूम धाम से विजया!
जी. विजयमेरी हिंदी अध्यापिका अनंतपुर जिला,आंध्रप्रदेश