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रॉकेट बॉय _ विक्रम साराभाई

रॉकेट बॉय _ विक्रम साराभाई
डॉ ओम ऋषि भारद्वाज कवि एवं साहित्यकार, एटा उत्तर प्रदेश;
विक्रम साराभाई, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा जाता है, भारत के एक महान वैज्ञानिक और दूरदर्शी नेता थे। उनका जन्म 12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद, गुजरात में हुआ था। उन्होंने न केवल भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी बनाया, बल्कि भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी को विश्व स्तर पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रमुख उपलब्धियाँ:
1. विक्रम साराभाई ने 1969 में इसरो की स्थापना की, जिसका उद्देश्य भारत को स्वदेशी उपग्रह प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाना था। उनके नेतृत्व में भारत ने 1975 में अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट लॉन्च किया।
2. उन्होंने 1947 में अहमदाबाद में PRL की स्थापना की, जो भौतिकी और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए समर्पित है।
3. उन्होंने भारत में उपग्रह संचार और दूरसंचार को बढ़ावा देने के लिए INSAT और SET (Satellite Instructional Television Experiment) कार्यक्रम शुरू किए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा सकीं।
4. डॉ. होमी भाभा के निधन के बाद, उन्होंने भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग का नेतृत्व किया और भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को नई दिशा दी।
5. विक्रम साराभाई ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित किया और नासा के साथ मिलकर भारत में उपग्रह प्रक्षेपण और प्रशिक्षण के क्षेत्र में साझेदारी की।
6. उन्होंने अन्य प्रमुख उद्योगपतियों के साथ मिलकर भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद की स्थापना में योगदान दिया, जो आज विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करता है।
उनके विचार: विक्रम साराभाई का मानना था कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था:
“हम गरीब देश हो सकते हैं, लेकिन हम महत्वाकांक्षी सपने देखने और उन्हें साकार करने में असमर्थ नहीं हैं।” 1966 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 1972 में मरणोपरांत उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा गया।
निष्कर्ष: डॉ. विक्रम साराभाई का जीवन और उनकी उपलब्धियाँ न केवल भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, बल्कि यह दिखाती हैं कि दृढ़ संकल्प और नवाचार के माध्यम से असंभव को संभव बनाया जा सकता है। उनका योगदान भारत को एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में अमूल्य है। 30 दिसम्बर 1971 को यह रॉकेट बॉय, रॉकेट जैसी तीव्र गति से अन्तरिक्ष में विलीन हो गया।

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