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विराट कवि सम्मेलन में कवियों ने बिखेरे कविता के इन्द्रधनुषी रंग,

विराट कवि सम्मेलन में कवियों ने बिखेरे कविता के इन्द्रधनुषी रंग,
नरसिंहपुर.. जिला गायत्री आयोजन समिति द्वारा ग्राम मालनवाड़ा में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।जिसमें कवियों ने गीत गजल छंदों सहित कविता के इन्द्रधनुषी रंग बिखेरे।आचार्य थम्मन शर्मा ओज कवि अशोक त्रिपाठी हास्य कवि डा.शंकर सहर्ष द्वारा मां गायत्री के पूजन अर्चन एवं कविवर कुंज बिहारी यादव द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ।
“मां मेरी ईमान है मां मेरी भगवान है”कविता से शिवपाल सिंह चौहान ने अपनी प्रस्तुति दी।कविवर प्रशांत शर्मा सरल ने “यज्ञ से धरा टिकी यज्ञ ही विश्वास है”कविता सुनाकर आध्यात्म की अलख जगाई। कविवर कुंज बिहारी यादव ने “मिला अवसर सुखद सुंदर बितायें राम गुण गाकर”कविता के माध्यम से उजले उजले स्वर दिये।ओज हास्य के सुपरिचित हस्ताक्षर गुरुवर अशोक त्रिपाठी ने पुरजोर तालियों के बीच बेटी सहित अपनी गरिमामयी कविताओं से कवि सम्मेलन में समा बांधा कुछ इस तरह से”बेटी अपने घर का मन्दिर बेटी चारों धाम, बेटी न होती तो कहते कैसे सीताराम।कविवर रामनारायण कौरव ने”हे गुरु मेरे तुम्ही बताओ गाथा कैसे गांऊ”गीत गुनगुना कविता की रोशनी बिखेरी।गीतकार रामशंकर वर्मा ने ईश भक्ति का चिंतन यूं दिया”अगर न सुधरे इस जीवन में कब सुधरोगे दुबारा”हास्य कवि डा.शंकर सहर्ष ने अपने चिरपरिचित अंदाज में सभी को हंसाते हुए कविता के सुमधुर भाव यूं दिये”नव हर्ष हो उत्कर्ष हो नव आनंद हो जाना,तुम्हारी जय जगत कर दे,विवेकानन्द हो जाना।कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए कविवर राजेश कौरव सुमित्र ने अपनी सुंदर अभिव्यक्ति यूं दी”राम बिराजे अब मंदिर में जय बोलो श्री राम की”।आयोजन में ग्राम माल्हनवाड़ा और नारगी की मां बहनों सहित अनेक श्रोता उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन आचार्य थम्मन शर्मा ने किया।

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