भारत दर्शन
भारत दर्शन
तूने जल्वा खूब दिखाया
नदी नर्मदा की धारा है
दुर्गा का है वह स्थान
जहाँ चली थी लक्ष्मी बाई
वह है झाँसी का मैदान
किला ग्वालियर का जब देखा
चर्चा आगरा करे बखान
ताज को खूब बनाया ।। तूने
दान मान कुंज की गली है
कृष्ण गोपी रास वहां रची है
बिड़ला राज घाट की शान बनी है
लाल किला मीनार यहीं है
अब चलते है दक्षिण सैर सपाटे
बनी भट्टियाँ तत्काल भिलाई जागे
त्रिचना पल्ली रहा सुनाया ।। तूने
दिखा विशाखा हवाई महल का
मद्रास रामेश्वरम शंकर का
बृन्दावन का यहीं बाग है
काबेरी की मधुर राग है
बंगलोर का बाग लाल है
उट्टी की यह स्वर्ण माल है
मीनाक्षी को रहा बताया।। तूने
हैदराबाद की शान निराली
जंग सलारे म्यूजिम वाली
है पकडी अब राह भोपाली
उज्जैन नगरी वेध शाला वाली
अजब बड़ौदा गायकवाड़ निराला
अहमदाबाद का झूलता मीनारा
द्वारकापुरी है खूब बसाया।। तूने
अजब मंदिर रुक्मणी का है
कृष्ण किनारा गोमती का है
पास समुंदर मचल रहा है
ओखा बता ज्वार रहा है
अजब भेंट की शान निराली
भेंट द्वारका सुना रहा है
व्हेराब्ल में सोमनाथ रमाया ।। तूने
जूनागढ़ की न्यारी बातें
कभी न भूलेगीं बे रातें
बड़ी चढ़ाई दत्तात्रय की
ग्यारह हजार सीढ़ियाँ चढ़ली
ये है बम्ब्ई लक्ष्मी बरसे
पहिले पहुँचे चलना सीखे
जुहू चौपाटी गेट इंडिया प्यारा ।। तूने
छप्पन भोजन गजब दिखाये
एरोप्लेन में सैर कराये
जहाज पानी का गीत सुनाये
गंगा की जब दुग्ध धार में
अंबर की छानी यमुना में
सूरज के नयनों में बसा है
कैसा सुन्दर बसा प्रयागा ।। तूने
रचनाकार
कविवर स्व.सूरज प्रसाद ताम्रकार
(प्रेषक: काली दास ताम्रकार)