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पद्मभूषण सदगुरुदेव भगवान पूज्य पंडित श्रीरामकिंकर शताब्दी समारोह

पद्मभूषण सदगुरुदेव भगवान पूज्य पंडित श्रीरामकिंकर शताब्दी समारोह

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से लेकर महामहिम राष्ट्रपति के आर नारायण तक राम कथा में जिन्हें निरंतर सुना और सराहा गया, युग की वैचारिक उपलब्धि के रूप में माना गया वे युग तुलसी मानस के अनन्य प्रस्तोता पंडित रामकिंकर जी हैं। पूरे 101ग्रंथो के माध्यम से प्रवचन और लेखन के द्वारा जिन्होंने मानस का मंथन कर नवनीत प्रस्तुत कर समाज को उन्मुक्त वितरण किया मानस के उसे महामहोपाध्याय का नाम पंडित रामकिंकर है।भारत भारती के अनन्य सपूत,हनुमान जी के परम उपासक ने बिरला जैसे धन कुबेरों, महादेवी वर्मा और डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे सरस्वती पुत्रों, देश के शीर्षस्थ न्यायविदों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और विदेश के अनेक भाषा भाषी विचारको को राम कथा सुनने समझने के लिए उत्साहित भी किया और मजबूर भी कर दिया उनका नाम पंडित रामकिंकर है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भी विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में जिन्हें सुनने के लिए आमंत्रित किया जाता रहा हो, ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा डी लिट और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने जिन्हें डॉक्टरेट की उपाधि तथा भारत के महामहिम राष्ट्रपति के आर नारायण ने जिन्हें पद्मभूषण की उपाधि प्रदान किया वे डॉक्टर रामकिंकर है ।सुयश गौरव और सम्मानों की श्रृंखला ने जिन्हें कभी उल्लासित उद्वेलित और अस्थिर नहीं किया वह रामकिंकर ही तो हैं।श्रीरामकथा के गूढ़तम प्रसंगों को अपनी सहज भाषा शैली के द्वारा जनमानस में उतारने की कला जिन महापुरुष के पास थी,उन्ही का नाम पंडित रामकिंकर है।
श्रीरामकथा को जीवन पर्यंत नवीनता का कलेवर पहनाने वाले पंडित रामकिंकर ही तो है।
बड़े बड़े विद्वानों को अपनी भाव भंगिमा द्वारा चटाई पर बैठने को मजबूर कर दिया एवम जिनकी 2 किताबे पढ़ने के बाद मूढ़ भी विद्वान होने का दम्भ पालते है,ऐसे विद्वता के पर्याय,युग तुलसी पूज्य महराज श्री के जन्म शताब्दी वर्ष में उनके चरणों मे कोटिशः प्रणाम।
*पंडित आदित्य प्रकाश त्रिपाठी*
*श्रीरामकथा&श्रीमद्भागवत&शिवमहापुराण प्रवक्ता*
*उचेहरा सतना mp*

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