नवरात्र पर्व पर प्रजापति ब्रह्माकुमारी आश्रम में कविवर त्रिपाठी का सम्मान और काव्यपाठ
नवरात्र पर्व पर प्रजापति ब्रह्माकुमारी आश्रम में कविवर त्रिपाठी का सम्मान और काव्यपाठ ,
नरसिंहपुर.. नवरात्र मां दुर्गा के आराधना का विशेष पर्व है। प्रजापति ब्रह्मा कुमारी आश्रम नरसिंहपुर में स्थापित नवदुर्गा की चैतन्य झांकी के अद्भुत अनोखे स्वरूपों का दर्शन भक्तजन बड़े रुचि और भक्ति भाव से ले रहें हैं।
आयोजन के नवमे दिवस आयोजन में सुपरिचित अखिल भारतीय ओज हास्य कवि अशोक त्रिपाठी नरसिंहपुर का गरिमामयी काव्य पाठ हुआ जिसमें कवि ने मां की भक्ति शक्ति साधना सहित उनके स्वरूपों का वर्णन करते हुए अपने कविता पाठ से समां बांधा।बड़ी संख्या में उपस्थित मां बहनों भाइयों सहित श्रोताओं ने पुरजोर तालियों से कविताओं को सराहा।मां की वंदना में कवि ने काव्य पाठ यूं किया..मां तू त्रेता की रामायण द्वापर की गीता है,
महाभारत की पाञ्च द्रोपदी विरहा की सीता है,
भारत के विराट आंगन में हिमगिरि तेरा माथा है,
रचना में तू अमर छंद है,ग्रंथों की तू गाथा है।।
श्री त्रिपाठी ने बेटी में मां के स्वरूप को यूं रेखांकित किया..
जौहरा पद्मा लक्ष्मीबाई बनी क्रांति की दीवानी
बेटी देवी दुर्गा चंडी बेटी बनी भवानी,
बेटी अपने घर का मन्दिर बेटी चारों धाम,
बेटी ने होती तो कहते, कैसे सीताराम।।
संस्था प्रमुख ब्रम्हा कुमारी कुसुम दीदीजी ने कवि का शाल श्रीफल साहित्य से सम्मान व अभिनंदन किया।भाई मुकेश नेमा ने आभार प्रदर्शन किया।