राष्ट्रीय हिंदी दिवस
राष्ट्रीय हिंदी दिवस
हमारे देश में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैंl जो राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्धिशाली बनाती हैं l प्रत्येक राज्य की अपनी राजभाषा और लिपि होती है l लेकिन हिंदी वह भाषा है जो देश के लगभग साठ प्रतिशत भाग को अपने में समाहित रखती है I अधिकांश रूप से हिंदी ही भारतबासियों की मातृभाषा है l इसे 14 सितम्बर सन 1949 ई. को राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ है l लेकिन आज तक राष्ट्रभाषा नहीं बन पाई है l वर्तमान में भारत में अंग्रेजी का बोलबाला बढ़ रहा है l अधिकतर लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूल में ही पढ़ाना पसंद करते हैं l इन सब बातों का मूल कारण सरकारी नौकारियों, सरकारी कार्यालयों, न्यायालयों, में सभी कार्य अंग्रेजी भाषा में होना है l आजकल हिंदी के सम्मान को बनाए रखने के लिए और इसके उत्थान के लिए प्रतिवर्ष हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है l अधिकतर लोग इस संशय में रहते हैं कि हिंदी दिवस वर्ष में दो बार क्यों मनाया जाता है? सच बात तो यह है कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता हैl इसका उद्देश्य हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्थापित करना एवं वैश्विक पहचान दिलाना है l तथा 14 सितम्बर को हिंदी राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है l क्यों कि 14 सितम्बर 1949 ई. को हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ था l वैसे दोनों हिंदी दिवसों का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार करना होता है l हिंदी भाषा के बिना संस्कृति सुरक्षित नहीं रह सकती है -“भारत के लिए हिंदी केवल एक भाषा नहीं है बल्कि राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत और एकता का प्रतीक भी है l” जय हिन्द, जय हिंदी, जय हिदुस्तान l
डॉ. बिश्वम्भर दयाल अवस्थी
शिक्षक एवं साहित्यकार
मो. 271 मुरारीनगर, सिद्धेश्वर रोड,
खुर्जा, बुलंदशहर (उ. प्र.)पि. नं 203131