तुम होते तो
तुम होते तो
सुप्रसिद्ध साहित्यकार गीतकार पंकज बुरहानपुरी जी का गीत संग्रह ‘ तुम होते तो ‘ भावनाओं की गंगा है। पवित्र प्रेम की गीत धारा है जो साहित्य रुपी धरा में प्रवाहित होकर कल – कल गान का अमृत रस है।
पंकज बुरहानपुरी जी सशक्त कलमकार है। धरतीपुत्र पंकज बुरहानपुरी जी सतत साहित्य साधना में लीन होकर सृजन कर रहे हैं। भौतिकवादी दर्शन को भी उन्होंने अपने चिंतन से अमिट बना दिया है।
पंकज बुरहानपुरी जी के भगीरथ प्रयास का परिणाम ही ‘ तुम होते तो ‘ गीत संग्रह है।
कवि संगम त्रिपाठी
संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा
जबलपुर मध्यप्रदेश