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गोवा, भारत की दुर्वा दुर्गेश वारिक “गोदावरी” इन्हें लगातार तीसरी बार अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता नेपाल सरकार द्वारा सम्मान प्राप्त हुआ।

गोवा, भारत की दुर्वा दुर्गेश वारिक “गोदावरी” इन्हें लगातार तीसरी बार अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता नेपाल सरकार द्वारा सम्मान प्राप्त हुआ।

26 अगस्त 2024 को महिला समानता अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता की गई। इस प्रतियोगिता में दुर्वा दुर्गेश वारिक “गोदावरी” को ‘महिला समानता काव्य रत्न सम्मान’ मिला। लगातार तीसरी बार उत्कृष्ट, प्रथम स्थान प्राप्त हुआ हैं। इससे पहले कवयित्री दुर्वा दुर्गेश वारिक “गोदावरी” इनको ’25 जुलाई को ‘नेपाल-भारत मैत्री काव्य रत्न सम्मान मिला।’ नेपाल की विख्यात साहित्यिक संस्था ‘शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल’ नेपाल में आयोजन किया गया था। इस अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में देश-विदेश तंजानिया, यूएसए और भारत देश के उत्कृष्ट कविता को चुना गया जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न राज्यों के कवि-कवयित्रीयों ने अपनी सहभागिता आनलाइन कविता के माध्यम से किया था। जिसमें दुर्वा दुर्गेश वारिक “गोदावरी” जी गोवा से ऑनलाइन सहभागी हुई, 100 कविताओं का चयन किया गया जिसमें उत्कृष्ट स्थान मिला, उन्हें ‘महिला समानता काव्य रत्न सम्मान’ मिला हैं। इससे पहले भी नेपाल सरकार द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला कविता प्रतियोगिता में ‘महिला शक्ति काव्य रत्न सम्मान’ प्राप्त हुआ और ‘नेपाल भारत मैत्री काव्य रत्न सम्मान’ प्राप्त हुआ। अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में लगातार तीन बार उत्कृष्ट, प्रथम स्थान हासिल किया है। 2025 में होने वाले भव्य काव्य गोष्ठि में भी बुलाया गया है। दुर्वा दु. वारिक ‘गोदावरी’ जी ने अब तक हिंदी भाषा में 100 से अधिक कविताएं, रचनाएं लिखी हैं, इनमें से 50 के आस पास कविताएं प्रकाशित हैं, जिसमें भारत की बात डिजिटल समाचार पत्र में 5 कविताएं प्रकाशित, रमा राघव पब्लिकेशन हैदराबाद में ‘मेरी कल्पना’ कविता प्रकाशित। प्रेम प्रतीक्षा काव्य संग्रह में ‘इंतजार’ कविता प्रकाशित।
नेशनल सोशल मीडिया संघ शाहजहानपुर उत्तर प्रदेश से 25 रचनाऐ और 3 बाल कहानी, 2 लघुकथा प्रकाशित है। संस्कारों की क्योरी में ‘हमारे पापा’ कविता प्रकाशित। दीपांजलि पत्रिका अगस्त 2024 लखनऊ, उत्तर प्रदेश से 4 कविता प्रकाशित साथ ही प्रमाण पत्र सह लेखिका का प्राप्त हुआ हैं। कवयित्री कविता, सोच-विचार, लेख, बाल कहानी, लघु कहानियां लिखने में अधिक रुची रखती हैं; समाजसेवी भी हैं। भारतीय भाषाओं से अधिक प्रेम हैं। हिंदी, मराठी, कोंकणी, भोजपुरी इन भाषाओं पर अच्छी पकड़ हैं। इसके अलावा भारतीय अन्य भाषाएं भी आती हैं और सीखने का प्रयास करती हैं। एक उत्कृष्ट कवयित्री, लेखिका, भाषावैज्ञानिक भी हैं। हिंदी भाषा का प्रचार, प्रसार करने में सतत प्रयत्नशील रहती हैं। अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक मित्र मंडल जबलपुर मध्यप्रदेश संस्था की सदस्य हैं। सोशल मीडिया द्वारा कविताओं की दुनियां में अनेक सम्मान प्राप्त हैं। 50 से अधिक कविताओं का ऑनलाइन काव्य पाठ किया है। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय काव्य गोष्ठि में ऑनलाइन, सोशल मीडिया द्वारा सहभागिता करती हैं। वे अनेक काव्य संस्था से जुड़ी हैं। ज्यादातर कविता, कहानी, लघुकथाएं समाज में हो रहें उथलपुथल पर ही लिखती हैं व अपने अनुभव को लेखनी में प्रकट करती हैं। वो एम. ए. गोल्ड मेडलिस्ट व एम फिल हैं। टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी व चीनी भाषा में डिप्लोमा की हैं।
इस सम्मान के नेपाल सरकार, प्रतियोगिता अध्यक्ष आनंद गिरी मायालू जी व चयन समिति सदस्य चरना कौर जी इनका हृदयतल से आभार व्यक्त किया है।

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