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गोस्वामी संत तुलसीदास समन्वयवादी युगदृष्टा व क्रान्तिकारी कवि-हिमान्शु महाराज

गोस्वामी संत तुलसीदास समन्वयवादी युगदृष्टा व क्रान्तिकारी कवि-हिमान्शु महाराज
लोरमी-हिन्दी प्रेरणा प्रचारणी सभा छत्तीसगढ के प्रान्तीय संयोजक, शिक्षाविद, साहित्यकार व कथावाचक डाक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने 527वी तुलसी जयन्ती पर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए गोस्वामी संत तुलसीदास जी को महान समन्वयवादी, युगदृष्टा,समाज सुधारक व क्रान्तिकारी कवि तथा भगवान श्रीराम का अनन्य भक्त बतलाया। डाक्टर तिवारी ने संत तुलसी द्वारा विरचित गीतावली, दोहावली, पार्वती मंगल, जानकी मंगल, रामलला नहछु विनय पत्रिका सहित द्वादश ग्रन्थो मे श्रीरामचरित मानस को सार्वकालिक सार्वभौमिक व समसामयिक ग्रन्थ बतलाते हुए जीवन संहिता की संज्ञा दी।डॉक्टर तिवारी ने भारत सहित विश्व के जनमन मे तुलसी के रामचरित मानस के निरंतर बसने, प्रवाहित रहने को एक अलौकिक घटना कहा।तुलसी के राम जन-जन के राम है।वे समग्र मानव जाति और प्राणिमात्र का कल्याण चाहते है।वे पूरी सृष्टि को सुखी, निरोगी, और आनंदमय मंगलमय जीवन व्यतीत करते हुए देखना चाहते है।डाक्टर तिवारी ने कहा कि तुलसी के श्रीरामचरित मानस के चौरासी सहित प्रत्येक प्रसंग सम्पूर्ण मानव जाति को निरंतर प्रगतिपथ पर अग्रसर होने तथा कर्मयोग मे लगे रहने का संदेश देते रहेंगे।

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