औरंगाबाद के साहित्यकार पलामू में लोकार्पण समारोह के साक्षी बने
औरंगाबाद के साहित्यकार पलामू में लोकार्पण समारोह के साक्षी बने
औरंगाबाद 30/7/24
औरंगाबाद जिले के ख्याति प्राप्त साहित्यकारों ने पलामू के धरती पर जाकर वहां के मिट्टी के सोंधी महक से सजी हुई साहित्यिक सरिता को उत्सर्जित करती मुक्तक पंचामृत काव्य के लोकार्पण के साक्षी बने। औरंगाबाद जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह,समकालीन जवाबदेही पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा,पर्यावरण साहित्य के पुरोधा डॉ रामाधार सिंह ने झारखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार राकेश कुमार संपादित मुक्तक पंचामृत लोकार्पण के मौके पर औरंगाबाद एवं बिहार के मगध के धरती की आवाज बनकर पलामू के काव्य अमृत को उत्सर्जित किया। डाल्टनगंज के जमुने अवस्थित माता द्रौपदी नामधारी गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल के प्रांगण में साहित्य भारती पलामू के सान्निध्य में राकेश कुमार,नीरज पाठक, रीना प्रेम दुबे,अनुज पाठक,रमेश कुमार सिंह रचित मुक्तक पंचामृत काव्य के लोकार्पण के मुख्य अतिथि झारखंड विधानसभा के प्रथम अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी, भारतीय वन सेवा के पदाधिकारी कुमार मनीष अरविंद की गरिमामई उपस्थिति रही। लोकार्पण समारोह कीअध्यक्षता शिक्षाविद् प्रोफेसर सुभाष चंद्र मिश्र ने किया।जबकि संचालन की जिम्मेवारी प्रसिद्ध कवि एवं लेखक विद्या वैभव भारद्वाज द्वारा निभाई गई।इंदर सिंह नामधारी ने कहा कि साहित्य के माध्यम से सामाजिक समरसता का प्रसार होना चाहिए।कुमार मनीष अरविंद ने कहा कि पलामू की सकारात्मक रचनाधर्मिता बहुत ही संतोषदायक है।डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि पलामू का साहित्य जन जन से जुड़ी हुई है। डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि काव्य प्रणयन एक साधना युक्त सारस्वत अनुष्ठान होता है।डॉ रामाधार सिंह ने कहा कि मुक्तक पंचामृत पर्यावरण का सार तत्व है।अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो सुभाष चंद्र मिश्र ने कहा कि कवि अपनी रचना से समाज के दृष्टिकोण को बदल सकता है। विषय प्रवेश प्रधानाध्यापक परशुराम तिवारी ने किया।राष्ट्रीय सेवा मंच के अध्यक्ष प्रिय रंजन पाठक एवं सचिव प्रेम प्रकाश दुबे ने सभी आगत अतिथियों को सम्मानित किया।वहीं सरस्वती वंदना रामप्रवेश पंडित द्वारा किया।स्वागत भाषण उमेश कुमार पाठक द्वारा किया गया। मौके पर रामाधार सिंह,दिवाकर झा,श्रीधर प्रसाद द्विवेदी,हरिवंश प्रभात सहित अन्य उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन धनंजय पाठक ने किया।