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एक नेक काम देश के नाम

एक नेक काम देश के नाम

भारत की प्रथम महिला जिन्होंने अपने कॉलेज लाइफ से ही प्लास्टिक के विरोध में काम किया और इसके लिए आज भी वे लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं मंडला से छोटे गांव मैं रहकर अनेक संस्थाओं से मिलकर कपड़े की थैली का निर्माण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिलकर उनके द्वारा जागरूकता अभियान अनवरत चलाया जा रहा है इन्होंने जो मुहिम चलाई उसमें पृथक्करण का कार्य घर से शुरू करें कोई भी प्लास्टिक घर से बाहर न निकलने दे इसे घर में एकत्र करके विशेष दिन नगर पालिका को दें और बदले में 1 किलो के ₹20 प्राप्त करें क्योंकि जब उन्होंने 2002 में जनहित याचिका लगाई थी और 2003 में निर्णय हुआ था इसमें उसे समय प्लास्टिक ₹5 किलो के हिसाब से लेने का प्रावधान था जो आज बढ़कर ₹20 प्रति किलोग्राम हो गया है साथी 2004 में सुझाव दिया था कि इस कारखाने में प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि यह रासायनिक शास्त्र से एमएससी किया था एक कल्पना के साथ उन्होंने अपने विचार विमर्श किया जो आज भी कारखाने में प्लास्टिक खपत का ऊर्जा के रूप में प्रयुक्त किया जा रहा है इसके बाद इन्होंने इस वैज्ञानिकों से बात करके थर्मल पावर में प्रयोग करने हेतु भी सुझाव दिया था इसे किया जा सकता है थर्मल पावर में प्रयोग परंतु हम इसका एकत्रीकरण करके वहां तक पहुंचने में सक्षम नहीं है। साथ ही प्लास्टिक की जो मोटी थी वह 40 माइक्रोन थी जो आज 120 माइक्रोन के बराबर हो गई है इतनी मोटी के कारण प्लास्टिक के भगवान प्लास्टिक के गद्दे कुशन कवर डोर में कोई ऐसी वस्तु नहीं है जिसमें हमारा उपयोग नहीं है इसे वे छठवें तत्व के रूप में जो की अत्यंत घातक है निरूपित कर चुकी है इनका कहना है कि हम प्लास्टिक रुपी बारूद के ढेर पर बैठे हैं इसे निजात पाना अत्यंत आवश्यक है इसी की वजह से नालिया चौक होती है सीवर लाइन चौक हो रही है और एक बहुत बड़ी समस्या डायपर बच्चों के सैनिटरी नैपकिंस यह भी नालियां सीवर लाइन चौक कर रही है इस पर भी इनके बारे में यह किया कहा जा सकता है कि जागरूकता का काम किया जा रहा है स्कूली पाठ्यक्रम में आपके कारण ही पर्यावरण का विषय रखा गया

सरिता अग्निहोत्री
महर्षि स्कूल के पास मंडला मध्यप्रदेश

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