सूख गया पुनपुन का धार कैसे होगा मानवता का बेड़ा पार
सूख गया पुनपुन का धार
कैसे होगा मानवता का बेड़ा पार
औरंगाबाद 10/6/24
सदर प्रखंड स्थित जम्होर थानांतर्गत विष्णु धाम के समीप अनवरत बहने वाली मोक्षदायिनी पुनपुन एवं पुण्यदायिनी बटाने की धारा इस वर्ष सुख गई।जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन औरंगाबाद के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने बताया कि कभी जेठ के तपती दुपहरी में भी पुनपुन की धारा नहीं सूखती थी। अनवरत बहते रहती थी वह भी आज सूख गई सिर्फ जहां का संगम स्थल है वहीं पर थोड़ा सा पानी बचा हुआ है यह आश्चर्यजनक है कि कभी न सूखने वाले पुनपुन की धारा इस वर्ष तपती हुई बढ़ते हुए तापमान में सुख गई इससे भविष्य में गंभीर जल संकट होने की संभावना है अगर हम समय रहते नहीं चेते तो बहुत ही भयावह स्थिति हो सकती है। इसका वैज्ञानिक कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई,नदियों से बालू की अवैध निकासी,जल प्रदूषण है यदि हम समय रहते नहीं चेते तो पुनपुन का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है इसके लिए स्थानीय स्तर पर लोगों को भागीरथी प्रयास करना चाहिए ताकि पुनपुन जिसकी धारा सदियों से जेठ में भी नहीं सूखती थी आज सूख चुकी है। इसलिए हम पुनः उस धारा को कैसे वापस लाएं इस पर विचार करना होगा।पौराणिक आख्यानको में पुनपुन बटाने का संगम तट ऐसा स्थल है जहां पूर्वजों को पिंड देने वास्ते मोक्ष प्राप्ति हेतु हम पितृ तर्पण का कार्य इसी स्थान पर करते हैं । युगों युगों से इसी स्थल पर मोक्ष प्राप्ति हेतु गया तर्पण के पूर्व प्रथम पिंड स्थल इसी जगह को माना जाता है। धार्मिक मान्यता अनुसार यह स्थल युगों युगों से साक्षी है न जाने कितने देवतुल्य महापुरुष इस संगम तट पर पधारे हैं।