उत्तराखंड के ऐतिहासिक पौराणिक सांस्कृतिक मेला* *गेवाड़ घाटी मासी भूमिया मंदिर में कुमाऊंनी काव्य पाठ*
*उत्तराखंड के ऐतिहासिक पौराणिक सांस्कृतिक मेला*
*गेवाड़ घाटी मासी भूमिया मंदिर में कुमाऊंनी काव्य पाठ*
आज दिनांक 12 मई 2024 को जय भूमिया मंदिर समिति मासी में समिति के अध्यक्ष श्री रामस्वरूप मासीवाल जी के नेतृत्व में व संयोजक जगदीश गेवड़िया की पहल पर कुमाउनी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता खीमानंद कबड़वाल जी ने की। कुमाउनी कवि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अपनी भाषा व संस्कृति को बचाना तथा बच्चों में अपनी मातृभाषा कुमाउनी के प्रति अपनापन व लगाव बनाये रखना था।
कुमाउनी कवि सम्मेलन की शुरुआत श्री कृपाल सिंह शीला जी ने पहाड़ से पलायन पर अपना काव्य पाठ शुरू किया, विदेशी फैसन पर श्री बी. नेगी कृष्णा ने अपनी रचना से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया, श्रीमती प्रभा बिष्ट जी ने भटौली पर व जंगल हमारे जीवनधार पर श्री हरीश चंद्र जोशी ने अपना काव्य पाठ किया। गोपाल बाबू गोस्वामी जी के सपुत्र ने उन्हीं का लिखा गाना “जै मैय्या दुर्गा भवानी” गाकर दर्शकों को भक्ति भाव में सरोबोर कर दिया। पहरू कुमाउनी पत्रिका के संपादक डॉ0 हयात सिंह रावत जी ने कुमाउनी हमारी मातृभाषा है,इसके संरक्षण और संवर्धन पर अपनी बातें रखी।काव्य गोष्ठी का समापन की घोषणा मंदिर समिति के संयोजक श्री जगदीश गेवड़िया जी द्वारा की गयी।