‘ लकीरों का सफ़र ’ लोकार्पण, सम्मान समारोह एवं काव्य संध्या का आयोजन ( बारह साहित्यिक एवं सामाजिक विभूतियों को वर्ष 2023 के लिए अनुबन्ध सम्मान )
ग़ाज़ियाबाद- अखिल भारतीय अनुबन्ध फाउंडेशन, मुम्बई (महाराष्ट्र) की ओर से साहित्य और समाज के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए राजनगर एक्सटेंशन, ग़ाज़ियाबाद (उ०प्र०) के प्लैटिनम 321 क्लब हाउस में शनिवार, दिनांक 9 दिसंबर 23 को अनुबन्ध सम्मान समारोह, पुस्तक लोकार्पण एवं काव्य संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देश की लब्धप्रतिष्ठित बारह साहित्यिक एवं सामाजिक विभूतियों को अनुबन्ध सम्मान – 2023 प्रदान किया गया।
परम श्रद्धेय श्रीमती शकुंतला शर्मा, श्री रविदत्त शर्मा एवं कीर्ति शेष महाकवि डॉ कुॅंअर बेचैन की पुण्य स्मृति में आयोजित समारोह का शुभारंभ अतिथि कवियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं श्री जे पी रावत द्वारा मां सरस्वती की वंदना से हुआ। इसके बाद अखिल भारतीय अनुबन्ध फाउंडेशन, मुम्बई (महाराष्ट्र) के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार कुश ‘तन्हा’ द्वारा सभी साहित्यिक विभूतियों को मंचासीन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सुविख्यात साहित्यकार एवं उप सचिव, हिन्दी अकादमी (दिल्ली) श्री ऋषि कुमार शर्मा उपस्थित थे।
डॉ प्रमोद कुमार कुश ‘तन्हा’ द्वारा संस्था के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गईं। कीर्तिशेष महाकवि डॉ कुॅंअर बेचैन को उनकी कालजयी रचनाओं के माध्यम से बार – बार याद किया गया। पिछले पांच वर्षों में संस्था द्वारा मुम्बई और ग़ाज़ियाबाद में किए गए साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बारे में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया। साथ ही भविष्य में संस्था द्वारा किए जाने वाले कार्यक्रमों के विषय में भी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि श्री ऋषि कुमार शर्मा को शॉल, पुष्पहार और अनुबन्ध फाउंडेशन के स्मृति चिह्न से सम्मानित किया गया। सुविख्यात वरिष्ठ कवयित्री डॉ रमा सिंह को उनकी अनुपस्थिति में शॉल, पुष्पहार और अनुबन्ध फाउंडेशन के स्मृति चिह्न से सम्मानित किया गया।
तत्पश्चात् साहित्य के क्षेत्र में अति विशिष्ट योगदान के लिए श्री मासूम ग़ाज़ियाबादी, श्री अशोक मधुप, श्री रवीन्द्र कान्त त्यागी को अंगवस्त्र, पुष्पहार एवं प्रशस्ति प्रतीक चिन्ह द्वारा “अनुबन्ध फाउंडेशन साहित्य रत्न – 2023 सम्मान” से सम्मानित किया गया। सुविख्यात साहित्यकार श्री हरेराम समीप और सुश्री मीनाक्षी जिजीविषा को उनकी अनुपस्थिति में “अनुबन्ध फाउंडेशन साहित्य रत्न – 2023 सम्मान” से सम्मानित किया गया।
सामाजिक चेतना एवं समाज कल्याण के कार्यों में विशेष योगदान के लिए सुश्री दर्शन अग्रवाल एवं सुश्री नूतन अग्रवाल को अंगवस्त्र, पुष्पहार एवं प्रशस्ति प्रतीक चिन्ह द्वारा “अनुबन्ध समाज भूषण सम्मान – 2023” से सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह के आयोजन में अपनी विशेष निर्णायक भूमिका निभाने वाले चयन समिति के वरिष्ठ सदस्यों श्री बी एल बत्रा (वरिष्ठ साहित्यकार एवं अधिवक्ता), श्री किशोर श्रीवास्तव (वरिष्ठ कवि, व्यंग्यकार एवं कार्टूनिस्ट) एवं डॉ चेतन आनंद (सुविख्यात साहित्यकार व प्रकाशक) को अंगवस्त्र, पुष्पहार एवं प्रशस्ति प्रतीक चिन्ह द्वारा “अनुबन्ध सम्मान समारोह निर्णायक सम्मान – 2023” से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में ‘देवप्रभा प्रकाशन द्वारा हाल ही में प्रकाशित डॉ प्रमोद कुमार कुश ‘तन्हा’ के ग़ज़ल – संग्रह ‘लकीरों का सफ़र’ का सम्मानित विभूतियों द्वारा लोकार्पण किया गया। श्री ऋषि कुमार शर्मा, उप सचिव, हिन्दी अकादमी (दिल्ली) द्वारा ग़ज़ल संग्रह पर अपने विचार और बहुत सुंदर समीक्षा प्रस्तुत की गई। श्री ऋषि कुमार शर्मा ने ‘लकीरों का सफ़र’ के ग़ज़लकार डॉ प्रमोद कुमार कुश ‘तन्हा’ की ग़ज़लों से कुछ अश’आर प्रस्तुत किए और उन्हें एक बेहतरीन ग़ज़लकारों की श्रेणी में रखा।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र में आमंत्रित रचनाकारों श्री राजीव सिंहल, डॉ अल्पना सुहासिनी, सुश्री तूलिका सेठ, डॉ अवधेश तिवारी, श्री कमलेश संजीदा, श्री जगदीश मीणा, श्री जे पी रावत, सुश्री पूनम सागर, सुश्री सीमा सागर शर्मा, सुश्री नूतन अग्रवाल, सुश्री स्तुति भूषण, श्री सुभाष गर्ग एवं श्री भरत मिश्रा प्राची द्वारा सुंदर काव्य प्रस्तुतियां की गईं। कार्यक्रम के संयोजक डॉ प्रमोद कुश ‘तन्हा’ की ग़ज़लों ने मंचासीन अतिथि साहित्यकारों को भी वाह वाह करने पर विवश कर दिया। काव्य संध्या के ख़ूबसूरत संचालन के साथ – साथ सुश्री गार्गी कौशिक ने बहुत सुंदर गीत से ख़ूब तालियां बटोरीं।
सम्मानित साहित्यकार सुप्रसिद्ध लेखक श्री रवीन्द्र कान्त त्यागी ने लेखन के प्रति अपने समर्पण और संघर्ष को अपने वक्तव्य के द्वारा साझा किया।
उप सचिव, हिन्दी अकादमी (दिल्ली) श्री ऋषि कुमार शर्मा ने कार्यक्रम के महत्व और सार्थकता पर बहुत प्रभावी विचार रखे। श्री बी एल बत्रा ने अपने अनूठे अंदाज़ में अपनी रचनाओं से समां बांधा। सम्मानित साहित्यकार श्री अशोक मधुप के गीत ग़ज़लों ने बहुत प्रभावित किया।
मशहूर ग़ज़लकार और सम्मानमूर्ति श्री मासूम ग़ाज़ियाबादी की एक से बढ़कर एक ग़ज़लों ने हमेशा की तरह श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
श्रोताओं से खचाखच भरे हुए प्लैटिनम 321 क्लब हाउस में श्रोताओं ने कविताओं, गीतों और ग़ज़लों का भरपूर आनंद लिया। पूरे कार्यक्रम में तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार गूंजता रहा।
एक सफल और स्मरणीय कार्यक्रम का समापन संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष, फ़िल्म गीतकार एवं ग़ज़लकार डॉ प्रमोद कुमार कुश ‘तन्हा’ द्वारा कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी सम्मानित साहित्यकारों, श्रोताओं, अपना योगदान देने वाले सभी स्नेही मित्रों और प्लैटिनम 321 प्रबंधन समिति के प्रति धन्यवाद प्रकट किया गया।
मुहब्बत बंदगी है, बंदगी चुपचाप होती है
नुमाइश में मुहब्बत का खजाना कौन रखता है
डॉ प्रमोद कुश ‘ तन्हा ‘