पटेलिया आदिवासी समाज में नशे के दुरुप्रयोग से समाज में सामाजिक पारिवारिक, आर्थिक रूकावटे बढ़ाती है।
पटेलिया आदिवासी समाज में नशे के दुरुप्रयोग से समाज में सामाजिक पारिवारिक, आर्थिक रूकावटे बढ़ाती है।
नशा मनुष्य के जीवन को भ्रष्ट करने वाला एक प्रबल दुष्प्रभाव है। यह न केवल व्यक्तिगत के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि समाज को भी उसकी बुराईयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए, नशा मुक्ति विभिन्न स्तरों पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। नशा मुक्ति का महत्वपूर्ण कदम है समाज में शिक्षा। लोगों को नशे के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करना चाहिए और उन्हें संज्ञान दिलाना चाहिए कि सुख और सफलता नशे में नहीं हैं। समाज को नशे से जूझने वालों की सहायता करनी चाहिए, उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए संबंधित संसाधनों को उपलब्ध कराने की जरूरत है। हमारे पटेलिया आदिवासी समाज अगर जिस घर दारू की धार देने की परम्परा है। ठीक है।जिस घर में घी,दूध की परम्परा है। वह उसकी धार दे। जहां तक लिमिटेड अनलिमिटेड भरपूर इस्तेमाल करने वाले को ,घर परिवार समाज और बच्चे पत्नी व समाज में बुरा असर पड़ता है।
हमें संघर्ष करना चाहिए ताकि हम नशा मुक्त समाज लत न बना सकें। यह सबके लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि नशा हमारे समाज की प्रगति को रोकता है। नशा मुक्ति को अपनाकर हम स्वस्थ, सशक्त और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं। इसलिए, हमें नशा मुक्ति के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए और हमारे समुदाय को एक साथ मिलकर नशे से लड़ने के उपाय ढूंढने में सहयोग करना चाहिए। यदि हम सभी मिलकर सामरिक भावना दिखाएंगे, तो हम निश्चित रूप से एक नशा मुक्त समाज की ओर अग्रसर होंगे।
नशा एक ऐसी बुराई है जो समाज के विभिन्न पहलुओं पर अपना असर डालती है। यह बुरी आदत लोगों को शराब, धूम्रपान, गुटखा, सिगरेट, ताड़ी, नशीली दवाओं और अन्य मादक पदार्थों की ओर आकर्षित करती है। इसका प्रभाव न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य पर होता है, बल्कि उसके परिवार, समाज और देश के विकास पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इसलिए, नशा मुक्ति महत्वपूर्ण है और हमें इसके खिलाफ संघर्ष करना चाहिए। नशे की आदत एक व्यक्ति को उसके आपूर्ति पर निर्भर बना देती है। व्यक्ति इसे छोड़ने के बावजूद नशे की तलाश में भटकता रहता है। इसके कारण उसके स्वास्थ्य खराब होता है और उसकी सोचने-समझने की क्षमता में कमी आती है। पढ़ाई पर असर पड़ता है। ध्यान न लगना। ऐसे व्यक्ति का परिवार भी प्रभावित होता है। धन की कमी होने के कारण परिवार का आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है। और संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होती है। साथ ही, समाज में इसके कारण बढ़ती भूमिका भी देखी जा सकती है जैसे तंगदवारी, लड़ाई झगडे, गलत कदम उठाना, अपराध, अपशब्द बोलना, दुर्घटनाएं और परिवारिक समस्याएं। नशे की आदत से छुटकारा पाने के लिए, हमें संघर्ष करना चाहिए। पहले और सबसे महत्वपूर्ण कदम यह है कि हमें अपनी इच्छा और संकल्प को मजबूत करना होगा। हमें अपनी आदत के प्रति निर्णयशील होना चाहिए और सक्रिय रूप से सहायता लेनी चाहिए। यह संघर्ष आदत से मुक्ति के लिए जरूरी है और इसमें समय लगता है। हमें आदत के कारण खोए गए आत्मविश्वास को वापस लाना होगा और प्रोत्साहन और सहयोग की आवश्यकता होगी। नशा मुक्ति एक महत्वपूर्ण मुद्दा है ।जो हमारे समाज को प्रभावित करता है। हमें नशा की आदत से निपटने के लिए अपनी आदत को संशोधित करने और सहायता के माध्यम से इससे मुक्त होने की कोशिश करनी चाहिए। नशा मुक्ति हमारे व्यक्तिगत विकास, परिवार की सुख-शांति और समाज के विकास के लिए आवश्यक है।
नशा मुक्ति एक समाज का महत्वपूर्ण मुद्दा है ।जो समाज के विकास और प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। नशा एक ऐसी समस्या है जिसका असर व्यक्ति के जीवन के हर पहलू पर पड़ता है। यह अस्थायी सुख के लिए लोगों को दिलासा देता है, लेकिन वास्तविकता में, यह उन्हें खुद को और उनके परिवार को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए, नशा मुक्ति एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो व्यक्ति को नशा से मुक्त करके उसे समृद्ध, स्वस्थ और समाजसेवी बनाता है।
नशा एक अत्यधिक खतरनाक समस्या है, जिससे लोगों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। यह मानसिक और शारीरिक रूप से व्यक्ति को कमजोर और निर्बल बना देता है और उसकी उच्चतम सम्भावनाओं को दबा देता है। नशे के कारण लोग अपने परिवार, दोस्तों, साथियों और समाज के साथीदारों को छोड़कर अकेलापन का सामना करते हैं। इसके अलावा, यह अपराधों, गैरकानूनी गतिविधियों, और समाज में विश्राम की नीति को भी बढ़ावा देता है। इसलिए, नशा मुक्ति अपने समाज के लिए एक प्राथमिकता होनी चाहिए।
नशे का प्रभाव खासकर नई युवा पीढ़ी पर अधिक प्रभावी है। युवा वर्ग, जो भविष्य के नेता, अधिकारी, नवाचारी और समाजसेवी हैं, नशे के कारण अपने पूर्ण पोतेंशियल का उपयोग नहीं कर पाते हैं। वे पढ़ाई, स्वास्थ्य, करियर और समाजसेवा में पिछले कदम नहीं बढ़ा पाते हैं। इसलिए, युवाओं को नशा मुक्ति की जरूरत है ताकि वे अपने भविष्य में सफलता और समाज खुशहाली की ओर बढ़ सकें।
नशे से मुक्ति प्राप्त करने के लिए, शिक्षा और जागरूकता महत्वपूर्ण हैं। सरकारी संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों को नशा मुक्ति के लिए जागरूकता अभियानों को बढ़ावा देना चाहिए। साथ ही, समाज को भी नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता बढ़ानी चाहिए और इसे स्वीकारना चाहिए कि नशा किसी भी रूप में अच्छा नहीं हो सकता है।
बीएल भूरा ,नशामुक्ति जागरूकता, चन्द्र शेखर आजाद नगर (भाबरा) अलिराजपुर मध्यप्रदेश 9179231752