बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के संस्थापक प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू की पुण्यतिथि मनाई गई
औरंगाबाद – सदर प्रखंड स्थित ग्राम जम्होर में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन औरंगाबाद के तत्वावधान में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की 51वीं पुण्यतिथि मनाई गई। सर्वप्रथम उनके तैल चित्र पर उपस्थित लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित किया। मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंह के अध्यक्षता में उपस्थित लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद किया।संचालन समाजसेवी सुजीत कुमार सिंह ने किया। जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन औरंगाबाद के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह एवं महामंत्री धनंजय जयपुरी के आह्वान पर उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने संबोधन के क्रम में कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में राजेंद्र बाबू ने महती भूमिका निभाई थी। 1917 के चंपारण सत्याग्रह में महात्मा गांधी के बिहार आगमन पर उन्होंने गांधी जी के साथ कदम से कदम मिलाकर सत्याग्रह को मूर्त रूप प्रदान किया था। हिंदी भाषा से उन्हे अगाध प्रेम था। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन की स्थापना राजेंद्र बाबू द्वारा ही किया गया था। स्वतंत्रता के पश्चात भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने और उन्होंने पूरे भारत में गणतांत्रिक व्यवस्था को पूर्णता प्रदान करने का कार्य किया था। उनके ही अध्यक्षता में संविधान सभा का गठन किया गया और उसे लागू कर पूरे भारत में संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई गई। उनके जीवन का मूल उद्देश्य था सादा जीवन उच्च विचार। मौके पर अधिवक्ता अमन राज एवं राम पुकार ओझा,पवन कुमार सिंह, राहुल कुमार,जितेंद्र सिंह,राणा सुनील सहित अन्य उपस्थित थे।