श्रीमद्भगवद्गीता का हिंदी पद रुपांतरण
निस्वार्थी पद गीता
(1..03)03
हे आचार्य!पांडु पुत्रों की सेना बडी विशाल ।
आपके बुद्धिमान शिष्य ने ये किये कमाल ।।
द्रुपद पुत्र धृष्टद्युम्न किए है रचना में ख्याल ।
व्यहू के आकार में है उसी ने सजाया हाल ।।
(1.04)04
इस युद्ध मे बहुत योद्धा भीम ,अर्जुन समान ।
शूरवीर और बडे धनुर्धर ,एक से एक महान ।।
बहुत से ही योद्धा यहां आए हुए है बलवान ।
द्रुपद और विराट जैसे शूरवीर हैं इनमें जान ।।
जय श्रीकृष्णा
अशोक कुमार जाखड़
हरियाणा