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श्रीमद् भगवद्गीता भगवान विष्णु जी का शब्दा रुपावतार है

श्रीमद् भगवद्गीता भगवान विष्णु जी का शब्दा रुपावतार है

बक्सर, १०/दिसम्बर /२०२४,भारतीय सनातन की धरोहर, ज्ञान,भक्ति और कर्म का समन्वय समस्त भारतीयों के दिलो__दिमाग में रचे__बसे श्रीमद् भगवद्गीता परे विश्व को,पूरी मानवता को, मानवता की परिभाषित करने वाले श्रीमद् भगवद्गीता की जयंती पर__भोजपुरी दुलार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा भारत के, सलाहकार डॉ ०ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन‌ ने एक संचालनक्षिप्त विज्ञप्ति के माध्यम से श्रीमद् भगवद्गीता जी को नमन करते हुए अपनी बातो हम सभी के साथ साझा करने एक सार्थक पहल की है.
उन्होंने कहा ___हम सभी जानते हैं कि महाभारत क्यों हुआ?
महाभारत ही अंश है__श्रीमद् भगवद्गीता.
कुरुक्षेत्र के मैदान में कौरव और पांडवों की सेना हर तरह सुसज्जित होकर आर__पार की युद्ध के लिए इक्ट्ठे हो गये.
युद्ध से पहले अर्जुन ने दोनोें सेनाओं के बीच में चलकर यह देखने की इच्छा हुई ,हमें किन __किन लोगों से युद्ध करनी है.
अर्जुन के पर भगवान श्री कृष्ण जी , अर्जुन को ले गये, स्वाभाविक रूप से अर्जुन को विषाद और मोह ने आ घेरा.
भगवान श्री कृष्ण जी जो कि इस सि्थति के लिए तैयार थे सहज भाव से.
भगवान श्री कृष्ण जी ने अगहन महीने के शुक्ल प पक्ष की मोक्षदा एकादशी के दिन_____अर्जुन को माध्यम बनाकर,पूरे विश्व के लिए श्रीमद् भगवद्गीता का उपदेश देना शुरू किये.
सम्भवत: रविवार केदिन, अठारह अध्याय एवं लगभग __सात सौ श्लोकों में भगवान श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को श्रीमद् भगवद्गीता का उपदेश अपने मुखार विन्द देना शुरू दिये.
इस गीता में कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञानयोग ,भरा पडा है. जो जैसा वह वैसा ही हब कुछ पा लेता है. समस्त मानव के लिए यह गीता ___सुगीता है.
चारों वेदों का सार है गीता,
इस श्रीमद् भगवद्गीता जी को पांववा वेद भी कहा गया है.
श्रीमद् भगवद्गीता पर अनेक विद्वान भाष्य लिख चुके हैं.
श्रीमद् भगवद्गीता हर सनातन के घर की शान होनी चाहिए, इसका रोज परायण होना चाहिए.
यह ज्ञान का अद्भूत भंडार और सबसे बडी चीज, यह भगवान विष्णु जी शब्दावतार है, यह सबसे बड़ी विशेषता है.
अत: अति संक्षेप में कुछ अपनी भावों व्यक्ति किया हूँ.
जय श्रीकृष्ण जी.
जय श्रीमद् भगवद्गीता

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