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भागवत भक्ति ज्ञान और वैराग्य का समुच्चय-हिमांशु महाराज

भागवत भक्ति ज्ञान और वैराग्य का समुच्चय-हिमांशु महाराज
कबीरधाम-भागवत भवरोग की दवा है।भागवत जीवन संहिता और मोक्ष ग्रन्थ है। भागवत भक्ति ज्ञान और वैराग्य का समुच्चय है। उक्त विचार सारधा लोरमी से पधारे कथावाचक व्यास श्रद्धेय डाक्टर पंडित सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने रबेली निवासी धनीराम साहू संतोष साहू कुशल साहू सुलोचन साहू के घर स्वर्गीय श्रीमती राधा साहू के वार्षिक श्राद्ध व
एवं स्वर्गीय चिन्ताराम साहू स्वर्गीय दूरपति साहू की स्मृति मे आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन प्रवचन के दौरान व्यक्त किए ।डाक्टर तिवारी ने अजामिल जैसे पापी की मुक्ति को भगन्नाम की महिमा तथा ईश्वर की भक्त वत्सलता का प्रतिफल बतलाया। उन्होने अट्ठाइस प्रमुख नरको का वर्णन करते हुए बुरे कर्मो से बचने तथा सदैव अच्छे कर्म करने का आग्रह किया। डॉक्टर तिवारी ने वृत्रासुर जैसे असूर द्वारा युद्ध के मैदान मे इन्द्र के हृदय मे भगवान का दर्शन व प्रार्थना करने को सनातन धर्म की विशेषता निरूपित किया। उन्होने भक्त प्रह्लाद द्वारा खम्बे से भगवान नरसिंह के प्रकटीकरण को ईश्वर की सर्वव्यापकता का श्रेष्ठ उदाहरण बतलाया। डाक्टर तिवारी ने सनातन धर्म मे शंकराचार्य का स्थान सर्वोपरि है।आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चारो पीठ व चारो पीठ के शंकराचार्य हम सभी के परमपूज्य है।हमे इनके विरूद्ध किसी भी प्रकार टिप्पणी से सदैव बचना चाहिए। इन पीठो ने सनातन धर्म का संरक्षण व संवर्धन सदैव किया है।भागवत भक्त और भगवान की लीलाओ का संग्रह भी है।उक्त अवसर पर पंडित ओकार पाठक पंडित अशोक पाठक पंडित नीरज तिवारी रमनसाहू भास्कर साहू बोधीराम नरेश साहू रामसिंह साहू व रमेश यादव सहित सैकड़ो श्रद्धालु उपस्थित थे।

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