सद्भभावना, संवेदना, मानवता के पोषक थे_____परमसंत श्री गुरू नानक देव जी महाराज.
सद्भभावना, संवेदना, मानवता के पोषक थे_____परमसंत श्री गुरू नानक देव जी महाराज.
बक्सर, १५/ नवम्बर, २०२४, पावन कार्तिक मास की पूर्णिमा पूरे विश्व के लिए के अनमोल धरोहर है. इस पूर्णिमा को श्री गुरू नानक देव जी महाराज की जयंती मनाई जाती है, देव दीपावली मनाई जाती है, तो कुछ स्थानों पर अन्य धार्मिक कार्य कर्म आयोजित किये जाते हैं.
इसी के आलोक में __अ०भा०के० साहित्हियक,सामाजिक, सांस्कृतिक, मंच, एवं प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संयुक्त संयोजन एवं मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष संस्थापक एवं सभा के सलाहकार डॉ ०ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन के संयोजन एवं संचालन में, वरीय अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा की अध्क्षता में, वरीय चिकित्सक डा० महेन्द्रप्रसाद एवं वरीय समाजसेवी गणेश उपाध्याय द्वारा संयुक्त रुप से श्री गुरू नानक देव जी महाराज जी के तस्वीर पर रूप दीप दिखाकर जयंती समारोह का उद्धघाटन किया गया.
उद्धाटन कर्ता द्वय महोदय ने कहा श्री गुरू नानक जी जैसा व्यक्ति त्व बडे ही भाग्य से घरती पर अवतरित होते हैं।
उनके कृतत्व और व्यक्तिव की जितनी बडाई की जाय वह कमही पडेगी.
अध्यक्ष महोदय ने श्री गुरू नानक देव की को अद्भूत मानव बतलाये
जयंती समारोह में उपस्थित बन्धुओं में ___शशि भूषण मिश्रने श्रीगुरू नानक देव जी को महामानव बताये. शिव बहादुर पांडेय प्रीतम जी ने उन्हें अनोखे व्यक्तित्व का मालिक बताये. डा० शशांक शेखर ने अपनी बातों के दौरान नानक जी को उदारवादी संत बताये.
रामेश्वर मिश्र विहान ने देव जी अनोखे व्यक्तित्व का व्यक्ति कहे.राजा रमण पांडेय मिठास ने समारोह मिठास भरे बोल से बोले गुरू नानक देव जी की बातें आज के परिवेश और भी अनुकूल है. लक्ष्मण जी जायसवाल ने गुरू नानक देव जी को एक महानतम मानव बताये. राजू गुप्ता ने भी गुरू नानक देव की को नमन करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
संचालन कर्ता ने कहा__ सिक्ख समुदाय एवं खालसा पंथ के पहले गुरू __ श्री गुरू नानक देव जी महाराज जी तलवंडी जन्म लेकर पूरे समाज मे दिखावे पन के विरोध में सकारात्मक विचार फैलाये.
मंच__नीच, अमीरी___गरीबी के बीच की खाई को पाटने के लिए बहुत कुछ किये. तत्कालीन समाज की व्यवस्था की व्यवस्था को बदलने का भरसक बहुत सारा काम किये, खालसा पंथ के द्वारा भारतीय चेतना को बचाने का कार्य किये. भगवान एक हैं __हम सभी उनके संतान है बताये, हमरी मंजिल एक है__रास्ते भले अलग__अलग हो सकते हैं. हम एक ही परमात्मा के संतान हैं,हमे कभी भी और किसी भी हालत में इसे नहीं भूलना होगा. सभी को यहीं पर सब कुछ छोडकर चले जानाहै.
हम अपने परिवार, एक देश दूसरे देश के साथ, एक कौम दूसरे कौम के साथ उलझे हुए हैं __परिणाम क्या___है__बस बर्बादी.
हम सब जानते हैं कि इस घरती का कण__कण भगवान का है, परमात्मा का है. फिर भी जो अपना नहीं है उसी के लिए लडते__मरते है.
श्री गुरू नानक देव महाराज जी की एक__एक सीख,एक__एक बातें पूरे विश्व के लिए अमृत वाणी बस आवश्यकता है उसे अमल में लाने की…
जय श्री गुरू नानक देव जी महाराज
उक्त जयंती समारोह में _____ भारत की बात डिजिटल समाचार पत्र हेतु रचनात्मक कार्य करने पर डॉ ० ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन ,को कलमकार एवं ज्ञान भारती सम्मान प्रदान करने पर संस्था के महानुभावों को आभार व्यक्त करते हुए, डॉ ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन को भी बधाई दिये।