कर्तव्य पथ पर चलता चल
कर्तव्य पथ पर चलता चल
मैल दिलो का धोता चल
आंधी आए या तूफान आगे बढ़ता चल
अपने पराए में भेद नहीं, सर्वस्व लुटाता चल
दीन दुखियों का दर्द मिटाता चल।।
आदमी, आदमी भला रहा कहां
हैवानियत को मिटाता चल
झूठ और फरेब का रोजगार फल फूल रहा
भारत माता का लाल, मिट्टी का कर्ज चुकाता चल
भाव अभाव में साथ निभाता चल।।
कर्म कर ऐसा जो दुनियां को तुम पर नाज हो
मां बहिन बेटी का सम्मान रखता चल
छोड़ हैवानियत नारी का सम्मान करता चल
सुख मिले या दुःख सच्चा कर्म निभाता चल
आशाओं का संचार कर आगे बढ़ता चल।।
ईश्वर सफलता देगा, सच की राह बढ़ता चल
संघर्ष हैं जीवन संघर्षों से लड़ता चल
मानव को मानवता से जोड़ता चल
आत्म विश्वास और धैर्य भरोसा दिल में रख
सच की राह पर चलता चल।।
मिले बुराई तू घबराना मत समझता चल
लक्ष्य ओझल होने ना पाए
कदम से कदम मिलाता चल
उम्मीद दिलो में जगाता चल
दृढ़ संकल्प लें कर हे प्राणी आगे बढ़ता चल।।
तू सार सार रूप में समाया चल
कितनी ही मिले ठोकरे आगे बढ़ता चल
पत्थरों को हटा राह से आगे बढ़ता चल
तू धरती माता का लाल मिट्टी का कर्ज चुकाता चल
कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ता चल।।
कनक