Search for:

तुलसीदास

तुलसीदास

तुलसी जीवन भक्ति मय, लिखे कलम से ज्ञान ।
जगत रचे इतिहास को , करते पठन सुजान ।।

राम कृपा से निधि मिले ,जग में पालक खास ।
राम भजन करते रहे , ऐसे तुलसीदास ।।

तुलसी जीवन ज्ञान को, जाने  सकल जहान ।
रामायण लिख कर गये,  तुलसी दास महान ।।

तुलसी जपते कह गए ,भजो राम का नाम ।
पार लगाये भव सदा, मिले मोक्ष का धाम ।।

रत्ना तुलसी से कहे, करो राम से प्रीत  ।
तुलसी रामायण लिखे, महाग्रंथ की रीत ।।

भवसागर में जीव को , देखे बड़े उदास ।
राम नाम महिमा लिखी , तब श्री तुलसीदास ।।

महाग्रंथ रचना रची , कालजयी साहित्य ।
रामचरितमानस विमल , श्री तुलसी पांडित्य ।।

रामायण जीवन दिए , महाकाव्य सिरमौर ।
जीव जगत तारन नहीं , इससे बढ़कर और ।।

भाषा संस्कृत है कठिन , किया सरल अनुवाद ।
नित्य परायण हर सदन , राम नाम हो नाद ।।

तुलसी दास महान थे , है प्रसिद्धि कलिकाल ।
अवधी में रचना रची , बनते दिव्य मिसाल ।।

योगिता चौरसिया ‘प्रेमाश्री’
मंडला म.प्र.

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required