इंतजार
इंतजार
इंतिहा हो गई इंतजार की
आई न कुछ खबर मेरे प्यार की
ये मुझे है यकीं बेवफा वो नही
फिर वजह क्या हुई इंतजार की,
इंतजार करना बेबसी है मजबूरी है
किसी को भी इंतजार नहीं भाता
जब भी इंतजार का पल आता
अंदर तक मन हिल जाता
जिसका इंतजार किया जाए
और नतीजे में वो न मिले
तो गुस्सा आता
बुरा लग जाता और वो काम फिर
नही भाता l
कोई इंतजार करना नही चाहता
इंतजार बहुत मुश्किल होता
इंतजार का असर बहुत
नकारात्मक होता इंतजार का नतीजा
अच्छा हो तो इंतजार अच्छा भी होता
गर नतीजा बुरा हो तो सहन नही होता
अंत भला तो सब भला कहा जाता
इंतजार पीड़ा भर भर दे जाता
इंतजार में वक्त का हास होता
इंतजार तो करंट का अहसास दिलाता
जीवन में इंतजार का आना जाना
लगा रहता है ये बेवक्त आया मेहमान
है इंतजार जिंदगी की अहम कड़ी है
न चाहकर भी करना पड़ ही जाता
हर बात का इंतजार जन्म से मरण
तक इंतजार वार और त्यौहार का इंतजार।
हर काम में इंतजार होता जाता
जीवन में इंतजार का खास महत्व होता
बिना इंतजार कोई काम संभव नहीं होता।
इंतजार को कविता में कहना कम है
इंतजार को परिभाषित करना गम है
इंतजार पर तो पूरी किताब और अफसाना बन जाता आधा भाग फिर भी इंतजार का रह ही जाता दूसरे अंक में दर्शाया जाता। शब्दो में इंतजार एक जंग का आगाज है जिसे दुनिया के हर इंसान को लड़ना ही पड़ता है और तब जाकर वो अपनी मंजिल को पाता
यहां भी इंतजार कब खत्म हो पाता फिर
नए सफर का इंतजार शुरू हो जाता
खुदा की कसम ये इंतजार बहुत तड़पाता ।काश।
किसी की जिंदगी में वो दिन न आता जब इंतजार उसको सताकर जाता
डॉक्टर संजीदा खानम,शाहीन,