वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर .. विशेष
वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर .. विशेष
“मातृ भूमि के लिए मर मिटी,
वो अलबेली निराली थी।
रानी दुर्गावती नाम था
बड़ी वो बलशाली थी।
कीर्ति सिंग राजा की पुत्री,
दलपत शाह से ब्याही थी,
लिया हाथ में प्रशासन जब ,
दलपत बिन फैली तबाही थी।
गढ़ मंडला की बहादुर सुंदरी,
अद्भुत शौर्य वाली थी।
शस्त्र अस्त्र में निपुण बड़ी वो
राज्य भार संभाली थी।
बाज बहादुर,अकबर से
डट कर युद्ध लड़ा रानी ने।
लड़ते लड़ते हुई जब घायल,
झट तलवार निकाली थी।
युद्ध भूमि में शत्रु के हाथ नहीं आना चाहा।
स्वयं ही शरीर पर वार किया,
दुश्मन को ऐसे हराना चाहा।
रखा आत्मसम्मान देश का भी,
प्राणों का उत्सर्ग किया।
रानी दुर्गावती अमर हुईं,
गोंडवाने का नाम उत्कृष्ट किया।
धन्य धन्य हे रानी दुर्गा वती!!
रनचंडी का अवतार थीं।
रक्षित करके मातृ भूमि को
अमर ,अजर शत बार हुई।”
नवनीता दुबे नूपुर
मंडला, मध्यप्रदेश