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कवि संगम त्रिपाठी नमन

 

 

आपके प्रयासों से समाज में लह लहराता रहेगा चमन
बहुत उत्कृष्ट है आपके विचार
बहुत मधुर है आपका व्यवहार
बस यूं ही मिलता रहे आपका स्नेह व प्यार
कविता विद्रोह कि हो यही हो आधार
न कलम झुके
न कलम रूके
न कलम बिके
बस निरंतर चलती रहे
जैसे नदियां बहती रहे
अपने समाज की गंदगी साफ हो जायेगी
अपने आप अपने समाज क्रांति आ जाएगी
अंत में एक बार फिर नमस्कार
बहुत जल्द मुलाकात में बदलेगा आपका और हमारा प्यार

कवि:-गोपाल जाटव विद्रोही खडावदा
तह. गरोठ जि. मन्दसौर
( म. प्र ) भारत देश
चलित दूरभाष/9770370192 व 9165002920

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