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आज साहित्यकार संगम संस्था खुर्जा द्वारा वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर एक काव्य संध्या का आयोजन।

आज साहित्यकार संगम संस्था खुर्जा द्वारा वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर एक काव्य संध्या का आयोजन।
आज नारायण समाचार पत्रालय खुर्जा में साहित्यकार संगम खुर्जा द्वारा वासंती काव्यसंध्या का आयोजन किया गया इस समारोह की अध्यक्षता संस्था के उपाध्यक्ष श्री दुष्यंत कुमार गर्ग ने की तथा संचालन संस्था के सचिव डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी ” वाचस्पति ” ने किया। संस्था के संरक्षक डॉ. केशव ” कल्पांत ” उपाध्यक्ष श्री दुष्यंत कुमार गर्ग एवं संस्था सचिव डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी ” वाचस्पति ” ने माँ शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया ।
माँ शारदे की वंदना डॉ. केशव कल्पांत ने प्रस्तुत की। इस गोष्ठी में खुर्जा के महान साहित्यकारों ने भाग लिया। वसंती छटा को बिखेरा। डॉ. केशव कल्पांत ने ” मेरी कविता अनव्याही न रह जाए। ” सुनाकर कवियों एवं श्रोताओं को आनंदित कर दिया। डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी ” वाचस्पति “जी ने ” ” वसंत में कंत अनंत कहीं, मोय रोज मनोभव मारत है।
लगै कोयल कूक डरावनी सी, अरु मंद समीर पछारत है।। ” कविता सुनाकर श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया। वेदप्रकाश गौतम, डॉ. साधना अग्रवाल, अंकित सारश्वत, श्रीचंद गुप्ता ने भी अपनी कविताओं द्वारा वासंती छटा विखेरी। कार्यक्रम में डॉ. केशव “कल्पांत ” जी, दुष्यंत कुमार, डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी ” वाचस्पति “, वेदप्रकाश , डॉ . साधना अग्रवाल, अंकित सारस्वत, श्रीचंद्र गुप्ता, धनेश कुमार शर्मा, राम निवास कंसल इत्यादि मौजूद रहे।

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