साहित्यकार संगम संस्था खुर्जा द्वारा होलिकोत्सव पर सतरंगी काव्यसंध्या का आयोजन
दिनांक 13/03/2025 को साहित्यकार संगम संस्था खुर्जा द्वारा होलिकोत्सव पर सतरंगी काव्यसंध्या का आयोजन श्री नारायण समाचार पत्रालय खुर्जा, बुलंदशहर (उ. प्र.) में किया गया। काव्यसंध्या का शुभारम्भ माँ शारदे की मूर्ति के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष श्री प्रेमकुमार शर्मा और संचालन संस्था सचिव डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी ” वाचस्पति” ने किया। डॉ. केशव
‘ कल्पांत ‘ ने ” होली के रंग में रंग गए साहित्यकार संगम के लोग।
ठंडी – ठंडी भाँग का लगा रहे हैं भोग।।” कविता पढ़ी। जयप्रकाश शर्मा ने ” कान्हाँ की कमोरी भरे हैं रंग प्यारे। प्यारे प्यारे प्यारे सारी दुनिया हुँ से न्यारे।। ” डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी ” वाचस्पति” ने ” होली आई रे, आई रे, होली आई रे। मेरा तन मन भीगे, चोली ह्वै गयी लाल, दिखाई रे। होली आई रे, आई रे, होली आई रे।” मनीष गुप्ता ने कहा ” एक और होली आई है, ऋतु परिवर्तन का सन्देश लाई है। ”
वेदप्रकाश गौतम ने ” कालिख कीचड़ पास न आए, रंगों से ही खेलो होली। दुर्गुण और द्वेष है कचरा, इन्हें जलाकर खेलो होली”। तथा प्रमोद चंद्र गौड़ ने ” पहुँचे एक दुकान पर पहलवान नीशू। औट रहा था चकाचक भरी कड़ाही दूध। भरी कड़ाही दूध नहीं अंटी में पैसे। सोच रहे रहे दूध पिएं तो पिएं कैसे।” अंकित सारस्वत ने कहा ” मेला लगा था जोर का अब उजड़ गया। यादों का काफिला जैसे गुजर गया। लाखों की भीड़ थी अब वीराना है। आओ लौटकर चलें कुम्भ नहाना है। ” प्रेमकुमार शर्मा ने ” भटकों के पास हम जाएं ईर्ष्या द्वेष को दूर भगाएं। उनको अबीर ग़ुलाल लगाएं। आओ मिलकर मनाए होली। ” इस मौके पर डॉ. केशव ” कल्पांत”, प्रेमकुमार शर्मा, डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी “वाचस्पति” , बनवारी लाल पोद्दार, राजेंद्र प्रसाद, हरिश्चन्द्र गुप्ता, श्रीचंद गुप्ता, नवीन कुमार, चंद्रपाल, मनीष गुप्ता, जयप्रकाश शर्मा, प्रमोदचंद्र गौड़, वेदप्रकाश गौतम ,अंकित सारस्वत, आदि मौजूद रहे।
सचिव
डॉ. विश्वम्भर दयाल अवस्थी
साहित्यकार संगम संस्था खुर्जा