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संकल्पों के प्रण दुहरायें,नव पीढ़ी को राम बनायें.. त्रिपाठी,

संकल्पों के प्रण दुहरायें,नव पीढ़ी को राम बनायें.. त्रिपाठी,

नरसिंहपुर..मानव तन बड़ी दुर्लभता से मिलता है।ये हमारे पूर्व जन्मों के सुकर्मो का परिणाम है।इस देह का सदुपयोग होना चाहिए।जीवन का प्रत्येक क्षण अमूल्य है।हमें निरंतर अच्छे कार्य करते हुए भगवान की भक्ति में तत्पर रहना चाहिए।सदैव भगवान के नाम का स्मरण करते रहना चाहिए।कलियुग केवल नाम अधारा,सुमरि सुमरि नर उतरहिं पारा,,ये धन दौलत बंगला गाड़ी हीरे जवाहरात सब अस्थाई हैं।स्थाई है तो बस सेवा कर्म परोपकार और भगवान की भक्ति। जिन्होंने सच्चे दिल से भगवान की भक्ति की है उन्हें भगवान ने अपना बनाया है।माता शबरी धुव्र भक्त प्रह्लाद हनुमंत लला इस क्रम में अनुकरणीय उदाहरण हैं। उक्ताशय के विचार कथा वाचक पं.नीलमणी दीक्षित दमोह वालो ने मनोकामेश्वर हनुमान मंदिर नरसिंह- पुर में आयोजित सत्संग सभा में व्यक्त किये।ओज हास्य कवि अशोक त्रिपाठी ने हनुमानजी महाराज और श्री भगवान राम पर शानदार गरिमामय कविता पाठ यूं किया. कृष्ण सुदामा सा मित्र होना चाहिए,
दिल हनुमंत सा पवित्र होना चाहिए,
मां सम्मान यश कीर्ति भी खूब मिले,
पर श्री राम सा चरित्र होना चाहिए।।
कविवर त्रिपाठी ने नव पीढ़ी को संस्कार देते हुए भगवान राम सा बनाने की प्रेरणा यूं दी…
बने राम से सब व्रतधारी,आदर्शों के अमर पुजारी,
प्राण जायें पर वचन न जायें,इसपर चलें सभी नरनारी,
संकल्पों के प्रण दुहरायें,नव पीढ़ी को राम बनायें।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए नारायण प्रसाद साहू ने भक्ति और सत्संग पर अपने रोचक प्रसंग रखे।कार्यक्रम में मनोज बाजपेई गिरीश पटेल लक्ष्मीकांत सरावगी दिनेश श्रीवास्तव जे पी श्रीवास्तव महेश नेमा बी डी रूसिया अशोक नेमा टेकसिंह पटेल एड.अजय साहू रामचरण कश्यप भगवान दास पहलवान राजेन्द्र गुप्ता सहित अनेक भक्त श्रोता गण उपस्थित थे।

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