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दीपावली

दीपावली

घर-घर मनाया जाता ।
हर घर दिया जलता।
दिलों में खुशियांँ भरता।
सबको एकजुट करता।
त्योहार से ही ये सब होता। सुनीता।

भारतीयता का है सार
रोशनी का है त्यौहार ।
उजाला होगी भरपूर।
दिलों का है मिलनसार।
त्यौहार का है असर। सुनीता।

कई गाथाएँ हैं प्रचलित।
बचपन से है हम सुनते।
बडों ने हमको कहते।
मन सब कुछ बैठत।
महान पर्व दीपावली। सुनीता।

घरों को साफ किया जाता।
सुंदर सा सजाया जाता।
नए कपड़े खरीदा जाता ।
अपनों को न्यौता दिया जाता।
त्यौहार का माहौल बन जाता ।सुनीता।

पापा के साथ बाजार जाना ।
पटाखे बहुत खरीद के लाना
अच्छी धूप में उन्हें सुखाना।
श्याम की राह देखते रहना ।
बच्चों का प्रिया त्यौहार दिवाली ।सुनीता।

सुबह सबको उठाना है।
घर द्वार साफ करना है।
सबको सिर स्नान करना है ।
नए कपड़ों का धारण करना है।
दिवाली के दिन का कार्य ।सुनीता।

कई पकवान बनेगा।
माता को भोग चढ़ेगा।
परिवार इकट्ठा होगा।
माता की आरती होगा।
लक्ष्मी मांँ की आशीर्वाद मिलेगा। सुनीता।

माता लक्ष्मी की पूजा करना है ।
सुख समृद्धि की मांँग करना है ।
सबकी खुशियाँ मांँगना है।
मांँ की आरती करना है।
माता भक्तों के साथ देती है। सुनीता।

दिवाली का श्याम डलेगा।
दिया जलाया जाएगा।
अंधेरा को आना नहीं होगा।
चारों तरफ उजाला दिखेगा।
सबके चेहरों पर खुशी है। सुनीता।

सभी के हाथों में पटाखे।
पटाखे जमीन में जलते।
कुछ अंबर की ओर जाते।
अंबर तो चमकता ही रहता।
अंधेरे को भगा देता ।सुनीता।

धर्म से अधर्म का हारना।
अंधेरा उजाला में बदलना।
अन्याय पर न्याय का जीत होना।
दुष्टों का संहार करना।
प्रजा को नीतिबद्ध बनाना। सुनीता।

नीति को बचाके रखो ।
असंबद्ध कार्य ना करो।
धर्म को अपनाके चलो।
सबका मार्गदर्शक बनो।
त्योहार मनाने का मूल तत्व है। सुनीता।

मीनुग सुनीता

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