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पूर्वजों को स्मरण करने से आत्मिक एवं नैतिक बल में वृद्धि होती है.

पूर्वजों को स्मरण करने से आत्मिक एवं नैतिक बल में वृद्धि होती है.

बक्सर, २९/सितम्बर /२०२४,
आश्विन मास की कृष्ण पक्ष समस्त पितरों के लिए होता है, जिसे हमलोग__पितृ पक्ष कहते एवं मानते हैं.
पितृ पक्ष की मह्ता को दृष्टि में रखते हुए __हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय भोलानाथ केसरी,धर्म परायण स्व० श्रीमती बासमती देवी, स्व०श्रीमती पार्वती देवी स्मृति, समित के तत्वाधान में__ समिति के संस्थापक,एवं संगठन सचिव डा०ओम प्रकाश केसरी पवननन्दन‌, के संयोजन और संचालन में पार्वती निवास परिसर में ___ स्वतंत्रता सेनानी, स्व०भोलानाथ केसरी जी की जयंती , वरिष्ठ अधिवक्ता, लेखक रामेश्वर प्रसाद वर्मा जी की अध्यक्षता में मनाई गई.
जयंती समारोह का उद्धघाटन __श्रीमती मीना सिंह, पूर्व चेयरमैन, न०प०, गणेश उपाध्याय, ई०रामाधार सिंह, डा०शशांक शेखर आदि ने ,स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय भोलानाथ केसरी जी के तैल चिकित्सा चित्र पर माल्यार्पण करके किये.
उद्धघाटन कर्ताओं में श्रीमती मीना सिंह ने, कहा हमने स्वर्गीय भोलानाथ केसरी जी के बारें पढा है, वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्हीं जैसे हुतात्माओं की बदौलत आज हम सभी आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं, उनकी जयंती मनाना एक सार्थक प्रयास है.
गणेश उपाध्याय ने__ स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय भोलानाथ केसरी जी को नमन करते हुए उनके कार्यों के बारे में बताते हुए कहे कि उनके सद्गगुणों का उनके पत्र डा०पवननन्दनमें समावेश है.
हम सभी उनके ऋणी रहेंगे.
डा० शशांक शेखर अपनी श्रद्धांजलि निवेदित करते हुए, उन्हें महामानव की संज्ञा दी.
ई० रामाधार सिंह उनके बारें में बहुत सारी जानकारी दी.
मान्य अतिथि__ राजा रमण पांडेय मिठास ने उनको नमन करते हुए कहा कि ऐसे महान व्यक्तियों के याद को भुलाया नहीं जा सकता, रामेश्वर मिश्र विहान ने भोलानाथ केसरी जी के बारे में एवं स्वतंत्रता संग्राम में उनकी उपल्ब्धियों के बारे में विस्तार से चर्चा की,महेश्वर ओझा महेश , विनोधर ओझा, शिव बहादुर पांडेय नेभी अपनी श्रद्धांजलि निवेदित किये.
जयंती समारोह के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद वर्मा जी ने अपने अध्यक्षीय उदगार प्रकट करते हुए, निवेदन किये कि स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय भोलानाथ केसरी जी, के साथ__अखौरी राम नरेश सिन्हा (काका जी), शंकर जायसवाल, बद्री नारायण जायसवाल, द्वारिका जी जायसवाल, शंकर आजाद, गोपाल तिवारी, उमा पांडेय,उमानाथ चौबे सहित अनेक स्वतंत्रता सेनानी के अगुआ थे, उनके सद् नेतृत्व में ,सभी देश को आजाद कराने में अपना योगदान दिये, भरपुर योगदान दिये. आजादी के बाद सभी के लाख कहने बावजूद ये स्वतंत्रता सेनानी पेंशन नहीं लिए, ऐसे त्यागी और समर्पित जो समाज के हर तबके उत्थान के लिए जूझते रहे, ऐसा महामानव मिलना आज के परिवेश में बहुत ही मुश्किल है.
अपने संचालन के दौर में डॉ ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन‌ ने सभी आगत अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, कहे कि पितृ पक्ष में आप सहित सभी पितरों के चरणों मे नमस्कार करते हुए निवेदन करता हूँ , कि हम सभी के पितृ देव हम सभी अपनी कृपा बरसाते रहें.
पितृ पूजा हम सभी का नैतिक एवं सामाजिक कर्तव्य है.
हम सभी लोग जो कुछ भी हैं अपने__अपने माता_पिता की बदौलत हीं हैं. उनके बिना हमलोंगा का कोई वजूद नहींं है. हम आज जो भी हैं, जिस रूप में है _वह सभी भगवान की कृपा और पूर्वजों का आशीर्वाद ही है.
हम अपने पूर्वजों को मांगलिक कार्यक्रमों बुलाकर उनका आर्शीवाद पाते हैं.
आज के महौल में वृद्ध माता_ पिता को वृद्धाश्रम फेंक आतें है, उनके द्वारा अपने उपर कि वे खुद हर गम सहकर हमें सबकुछ दिये और हम उन्हें वृद्धाश्रम दे रहे हैं__ क्या हो गयाहै हमारी सोच को?
आज इस पितृ पक्ष में कम से कम अपने माता__पिता को हर सम्भव सुख पहुंचाने की नीयत रखे. उनके जीवन काल में हम उन्हें बोझ ना समझे, पारिवारिक विरासत बडे ही भाग्य से मिलता है. घरती पर भगवान के बाद हमारे माता__ पिता ही, हमारे भगवान है.__उनके सामने अपने भाई___बहनों पर परस्पर मेल रखना चाहिए, आपसी संवाद और बातचीत होना चाहिए, कमियां सभी में है, कमियों को दूर कर आपस सद्भावना का विकास करें, यही वास्तविक सीख देता है.
वे अभागे हैं_जिनके माता
__पिता है, पूछिये उनसे माता__पिता उनकी जिन्दगी कैसी फीकी हैं.
अपने पितरों के प्रति श्रद्धा और समर्पण का पर्व है__ पितृ पक्ष

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