समरस संस्थान के तत्वाधान में बही कविता की रसधार
समरस संस्थान के तत्वाधान में बही कविता की रसधार
लखनऊ, समरस संस्थान के संस्थापक ,स्नेह की प्रतिमूर्ति, अनुपम व्यक्तित्व के स्वामी, हम सबके प्रेरक आदरणीय स्नेहिल जी के लखनऊ आगमन के सुखद संयोग पर संदीप भैया द्वारा अपने घर- आंगन में आयोजित एक स्नेहमय साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किया गया,जिसमे मुख्य अतिथि आदरणीय राजीव वर्मा “वत्सल”जी, विशिष्ट अतिथि प्रिय ममता “पंकज”जी से सज्जित समृद्ध मंच को भव्यता दी स्वनामधन्य समस्त कवि/कवयित्रियों – श्री पंकज जी, आलोक जी, राधा बिष्ट जी, प्रमोद श्रीवास्तव जी, प्रिय प्रतिभा श्रीवास्तव एवं आदरणीय चन्द्र देव दीक्षित जी के अद्भुत संचालन ने, जिसमें मुझ सबसे छोटी कलम को अध्यक्षता का भार सौंपकर सभी ने अपने अपार स्नेह से कृतार्थ कर दिया। वर्षा जी की वाणी -वन्दना से हुये शुभारंभ इस कार्यक्रम को सभी की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने असीम ऊचाइयॉं छू लीं।
इस कार्यक्रम ने विशेष सुखद मोड़ लिया जब देश -विदेश में हास्य का परचम लहराने वाले , सबके लाडले कवि पंकज “प्रसून” जी की उपस्थिति हो गई जो अपने साथ लाये इण्डिया लाफ्टर -4 से हमारे देश को मिले एक अद्भुत कलाकार श्री अनिरुद्ध मदेसिया जी को,,,,, फिर तो जैसे कार्यक्रम सातवें आसमान पर पहुंच गया,,,,उन दोनों की शानदार प्रस्तुतियों ने सबको हॅंसा-हॅंसा कर लोट-पोट कर दिया। इतना आनन्द बड़े बड़े कार्यक्रमों में नहीं मिलता जितना अनायास मॉं भगवती की कृपा उस पारिवारिक काव्यात्मक -संगति में मिला। इसके लिए समरस परिवार को हार्दिक बधाई,,,, जहॉं आत्मीयता होती, लगाव होता है, समर्पण होता,,,वहॉं देवत्व होता है,,,, अपरिमित आनन्द होता है। सबको हृदय तल से हार्दिक बधाई एवं असीम आभार।
डॉ शोभा दीक्षित ‘भावना’
अध्यक्ष, लखनऊ इकाई,
समरस संस्थान, भारत