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हिंदी दिवस के पाक्षिक पूर्व कार्यक्रम के निमित दुष्यंत कुमार के जयंती पर काव्य संवाद

हिंदी दिवस के पाक्षिक पूर्व कार्यक्रम के निमित दुष्यंत कुमार के जयंती पर काव्य संवाद
औरंगाबाद 1/9/13
सदर प्रखंड स्थित ग्राम जम्होर में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन औरंगाबाद के तत्वावधान में 14 सितंबर हिंदी दिवस के पाक्षिक पूर्व कार्यक्रम के निमित 1 सितंबर से लगातार 14 सितंबर तक होने वाले कार्यक्रम के क्रम में आज भारत के महान साहित्यकार एवं गजलकार दुष्यंत कुमार की 91वीं जयंती के मौके पर काव्य संवाद का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह एवं महामंत्री धनंजय जयपुरी के निर्देश पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंह ने किया। संस्था के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने काव्य संवाद करते हुए कहा कि दुष्यंत कुमार हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण गजलकार के रूप में जाने जाते थे।उनके गजल हिंदी साहित्य की विषय वस्तु में रूपरेखा को तय करने में मानक का काम करती है।समकालीन कविता के दौर के उन्नायक कवि दुष्यंत कुमार के गाए गए गीत, रची गई रचनाएं मंचों पर जो कवि एवं गीतकार होते हैं उनके मुंह से अक्सर उनकी रचनाएं निकल पड़ती है ‌जब भी किसी व्यक्ति को संबोधन देना होता है या संबोधन देने के लिए बुलाना होता है तो दुष्यंत कुमार की रचनाएं अनायास ही संचालकों के मुख से मुखरित हो जाती है। ऐसी उपलब्धि शायद ही किसी कवि को प्राप्त हो। साए में धूप उनकी प्रमुख काव्य कृति है जो हिंदी साहित्य की पृष्ठभूमि का कार्य करती है। हिंदी दिवस के आईने से जब हम उनका आकलन करते हैं तो उनके द्वारा हिंदी में जो योगदान दिए गए हैं उसे भुलाया नहीं जा सकता। हिंदी भाषा को प्रतिष्ठित करने में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही है।मौके पर जम्होर विकास मंच के अध्यक्ष सुजीत कुमार सिंह, राणा सुनील सिंह,चंद्रशेखर विश्वकर्मा,श्याम नारायण यादव, वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमन राज सहित अन्य उपस्थित थे।

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