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सियाराममय सब जग जानी करऊ प्रणाम जोरि जुग पानि सहित अनेकों चौपाई, छंद, अलंकार,सोरठा

सियाराममय सब जग जानी करऊ प्रणाम जोरि जुग पानि सहित अनेकों चौपाई, छंद, अलंकार,सोरठा आदि के माध्यम से आमजन को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र भगवान् सहित सभी देवि -देवताओं के प्रति श्रीराम चरित मानस के रचयिता महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने जो महान लेखनी किया उनके जयंती के अवसर पर जगत खेड़ा, कल्ली पश्चिम, लखनऊ कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक के निवास पर हिन्दी साहित्य भारती द्वारा आयोजित मंचीय एवं आनलाईन काव्य संगोष्ठी में मुख्य अतिथि पूर्व जिला जज एवं अंतर्राष्ट्रीय गज़लकार डॉ. चंद्रभाल सुकुमार ने कहा कि गोस्वामी जी के पदचिन्हों पर चलकर ही मानव जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है। प्रमुख संयोजक/ संचालक कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक ने कहा कि -जीवन के हर रूप रंग का दिखाये जो दिव्य प्रकाश, महाकवि गोस्वामी जी वो थे अपने तुलसीदास ।अतिविशिष्ट अतिथि कवि मनोज द्विवेदी जमालपुरी ने कहा कि – तुलसीदास जी मानव जीवन को सार्थक बनाने के लिए सर्वधर्म समभाव के समर्थक थे जो अपनी लेखनी के माध्यम से जीव, जन्तु,पशु- पक्षी सबका वर्णन किये। विशिष्ट अतिथि प्रख्यात समाजसेवी काशी के प्रख्यात समाजसेवी प्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश ने कहा कि मानसमय हम-सब हुए,हम सब को दिखाये जो आस, अपने पूज्य गोस्वामी जी थे वो तुलसीदास, विशिष्ट अतिथि गिरीश पाण्डेय बनारसी ने कहा कि ज़िन्दगी को यदि खुशी से जीवन जीना हो तो गोस्वामी तुलसीदास जी जैसा कुछ ना कुछ तो होना हो, आयोजन संरक्षक डॉ. पारस नाथ श्रीवास्तव – लखनऊ ने कहा कि तुलसीदास जी ने श्रीराम चरित मानस से सिखाया हम सबको आचार, विचार, संस्कार, यदि हम सब उनके पदचिन्हों पर चले तो मानव जीवन होगा साकार, स्वागत संरक्षक सुखमंगल सिंह मंगल एवं जगमोहन राजपूत ने गोस्वामी तुलसीदासमय संगोष्ठी में सबके प्रति आभार जताते हुए कहा कि यदि जीवन को सुखमय रखना है तो आहार, विचार, संस्कार को संयमित रखना है। यही सीख गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी लेखनी के माध्यम से बारम्बार हम सबको दिया है। आयोजन अध्यक्ष नादान परिंदे साहित्य मंच काशी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुबाष चंद्र ने समस्त मानव समाज के लोगों से आग्रह किया कि गोस्वामी तुलसीदास जी के जयंती के अवसर पर हम सबको मांस, मदिरा मुक्त आहार को ग्रहण करने का संकल्प करके इहलोक और परलोक को सार्थक बनाने की जरूरत है। संचालन कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक स्वागत संबोधन कवि अनुपम पाण्डेय – आजमगढ़ एवं कवयित्री सुमति श्रीवास्तव – जौनपुर, धन्यवाद आभार युवा कवि विनय पाण्डेय बहुमुखी एवं युवा पत्रकार आशीष मोदनवाल ने किया।

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