Search for:
  • Home/
  • क्षेत्र/
  • साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ द्वारा भव्य काव्यानुष्ठान का हुआ आयोजन

साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ द्वारा भव्य काव्यानुष्ठान का हुआ आयोजन

साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ द्वारा भव्य काव्यानुष्ठान का हुआ आयोजन

औरंगाबाद 16/7/24
जिला मुख्यालय औरंगाबाद में व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ता योगेश मिश्र के आवास पर उनके अनुज राकेश मिश्र के पुत्र के अन्नप्राशन के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर की साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ ने काव्यनुष्ठान का आयोजन किया। उक्त संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह तथा बिहार प्रांत के अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र पद्मनाभ ने कार्यक्रम की सफलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का संचालन अनुज बेचैन द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में समकालीन जवाबदेही पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र,अवकाश प्राप्त प्रो डॉ रामाधार सिंह, समाजसेवी गुप्तेश्वर पाठक, प्रसिद्ध ज्योतिर्विद शिवनारायण सिंह, अवकाश प्राप्त बीईओ सुमन अग्रवाल की गरिमामई उपस्थिति रही। काव्य पाठ की शुरुआत करती हुई गूगल अग्रवाल ने सरस्वर सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कवि लवकुश प्रसाद सिंह ने कहा कि “ए बिहारी हो ई नएका बिहार ह।”शिवनारायण सिंह ने शिक्षा व्यवस्था पर पाठक जी का फरमान सुनाया। पंकज कुमार ने विशिष्ट गीत सुनाया। कुमार शानू ने बेहतरीन ग़ज़ल की प्रस्तुति दी। सुरेश विद्यार्थी ने आषाढ़ महीना मनभावन लागे नामक गीत प्रस्तुत किया।शब्दाक्षर के संगठन मंत्री विनय मामूली बुद्धि के हास्य-व्यंग पर लोग अपनी ठहाका नहीं रोक पाए।डॉ रामाधार सिंह ने बसंती आक्रोश पर बोलते हुए कहा कि ‘आए बसंत बहार गुरुवर जीवन में’ नूतन रंग छाए। राष्ट्रीय प्रचार मंत्री धनंजय जयपुरी की छंदोबद्ध रचना ने सबको भाव विह्वल कर दिया। योगेश मिश्र ने आगत अतिथियों को पुष्पहार देकर स्वागत किया। मौके पर विकास कुमार, अनिल मिश्र, डॉ ओम प्रकाश पांडेय, राकेश मिश्र, ललित मिश्र, यीशु, अमित,आदित्य, नितिन जी,सृष्टि मिश्रा,अभिषेक मिश्र,अनिल मिश्र ने कार्यक्रम में शिरकत किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि अन्नप्राशन के मौके पर इस तरह के कार्यक्रम से संस्कृति ऊर्जस्वित होती है। शब्दाक्षर के जिलाध्यक्ष नागेंद्र केसरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required