कवि धर्मपाल सिंह चंचल की कलम सदा के लिये मौन
कवि धर्मपाल सिंह चंचल की कलम सदा के लिये मौन
आज विचार मौन हैं लिखे शब्द गौण हैं
मैं निशब्द हो गया दुखद खबर सुनकर
ये फिजा ये मौसम ये बहार सब गौण हैं।
सहारनपुर- उत्तर प्रदेश राज्य के सहारनपुर निवासी प्रख्यात कवि, चिंतक, सक्रिय समाज सुधारक, वरिष्ठ समाजसेवी आदरणीय बाबू धर्मपाल सिंह चंचल (पूर्व पेशकार जिला एवं सत्र न्यायालय, सहारनपुर) पिछले चार दशकों से साहित्य साधना कर रहे हैं। लगभग 500 से अधिक काव्य रचनाओं के रचियता बाबू धर्मपाल सिंह चंचल की रचनाएं एक दर्जन साझा काव्य संग्रहों में भी प्रकाशित हो चुकी हैं। आल इण्डिया रेडियो आकाशवाणी केंद्र नजीबाबाद पर काव्य पाठ कर चुके जनपद सहारनपुर के वाल्मीकि समाज के एकमात्र वरिष्ठ कवि होने का गौरव भी इनके नाम हैं। बाबू धर्मपाल सिंह चंचल की रचनाएं सामान्य वर्ग, दलित वर्ग एवं युवा वर्ग सभी के लिये प्रेरणास्रोत का मार्ग है। अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित मिलनसार, मृदुभाषी, सहयोगी बाबू धर्मपाल सिंह चंचल का निधन, समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। साहित्य जगत में मेरे पितामह आदरणीय बाबू धर्मपाल सिंह चंचल के चले जाने की यह अत्यंत ह्रदय विदारक घटना का पीड़ादायक समाचार सुनकर मन आहत हुआ। ईश्वर से प्रार्थना है कि इनके परिवार को इस असहनीय दुख की घड़ी में इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
आदरणीय बाबू श्री धर्मपाल सिंह चंचल जी के श्रीचरणों में सादर श्रद्धांजलि
आशीष भारती
लेखक /कवि /समीक्षक
सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)