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इतिहासकार ने की परम्परा संरक्षण पर चर्चा

इतिहासकार ने की परम्परा संरक्षण पर चर्चा

औरंगाबाद – औरंगाबाद के महाकाल मंदिर पर आज समाज के सक्रिय लोगों के साथ इतिहासकार डॉ विजय प्रकाश शर्मा ने परम्परा संरक्षण के कई बिन्दुओं पर प्रातःकालीन चर्चा की और लोगों को अपनी- अपनी परम्पराओं के संरक्षण संवर्धन की अपील की। उन्होंने मुख्य रुप से बताया कि आधुनिक युग में बदलाव और नई पीढ़ियों की सोच के बीच रिवाजों का संरक्षण काफी आवश्यक है। उन्होंने बदलाव और नवाचारों के बीच परम्परा के प्रधान तत्वों के संरक्षण की समग्र समझदारी और उनके बचाव और बनाए रखने की चुनौतियों को लेकर लोगों को चेताया।
इस प्रातःकालीन सत्र के माध्यम से समाज के बदलाव और अन्य हालातों पर भी चर्चा की गई और पारंपरिक विषयों की भी चर्चा की गई। डॉ विजय प्रकाश शर्मा मानव शास्त्र और ग्रामीण विकास सहित इतिहास के विद्वान् हैं जो हैदराबाद के ग्रामीण विकास संस्थान में शिक्षण सहित कई उच्चतर शिक्षण संस्थानों में भी कार्यरत रहे हैं। डॉ शर्मा जिले के कुटुंबा प्रखंड के हरिहरगंज-खैरा के मूल निवासी हैं और 5 दशकों बाद वे गृहजिले के लोगों से मिल रहे थे।
इस चर्चा सत्र में डॉ शर्मा के अलावा प्रो सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह, प्रो सी एस पांडेय, प्रो रामविलास सिंह, साहित्यकार डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र, धनंजय जयपुरी और महाकाल मंदिर के पुजारी धनञ्जय पांडेय मुख्यरुप से उपस्थित थे। इसके अलावा इस चर्चा सत्र में योगेंद्र कुमार मिश्र, योगेश मिश्रा अधिवक्ता, पुरुषोत्तम पाठक, अलखदेव सिंह, मुरलीधर पांडेय, अनिल कुमार मिश्र, श्रवण कुमार सिंह, भीम सिंह, अनुज बेचैन, अनुप कुमार मिश्र, कमलेश कुमार सिंह, लवकुश प्रसाद सिंह, नारायण सिंह, आशिक कुमार सिंह सहित कई बुजुर्ग और युवाओं ने शामिल होकर सफल बनाया।
कार्यक्रम के साथ मग परिषद् और विद्वत् परिषद् द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित व्रत-पर्व निर्णय पत्रिका का भी वितरण किया गया।
कार्यकम का संचालन राजेंद्र पाठक ने किया जबकि आगतों और मुख्यवक्ता के प्रति डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने आभार के दो शब्द कहे। अंत मे कार्यक्रम के संयोजक गुप्तेश्वर पाठक ने आगत लोगों को गुलाल लगाकर होली मिलन करते हुए होली की मंगलकामनाएं की।

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