गोविंद पाल नाशिक में राष्ट्रीय विद्योत्तमा भास्कर साहित्य सम्मान सम्मानित
गोविंद पाल नाशिक में राष्ट्रीय विद्योत्तमा भास्कर साहित्य सम्मान सम्मानित
5 जनवरी को विद्योत्तमा फाउंडेशन नाशिक महाराष्ट्र द्वारा आयोजित राष्ट्रीय साहित्य सम्मान के अंतर्गत भिलाई छत्तीसगढ़ के जाने माने सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार एवं मुक्तकंठ साहित्य समिति के अध्यक्ष गोविंद पाल के पुस्तक महज़ ये वायरस नहीं जैसे श्रेष्ठ काव्य संग्रह लेखन के लिए गोविंद पाल को राष्ट्रीय विद्योत्तमा भास्कर साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान जाने माने सुप्रसिद्ध लेखक राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित व साहित्य अकादमी से सम्मानित जिनको हिन्दी, उर्दू, तमिल, कोंकण भाषा के सिद्धहस्त लेखक व अनुवादक रह चुके स्व. अलोक भट्टाचार्य के स्मृति में यह सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान गोविंद पाल को स्वयं स्व. अलोक भट्टाचार्य जी के विधवा पत्नी एवं उनकी बहन ने गोविंद पाल को शाल ओढ़ाकर, मोमेंटो भेंट कर प्रशस्ति पत्र एवं 5001 रुपये सम्मान राशि देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोखले ए सोसाइटी के जोनल सेक्रेटरी डॉ. प्रोफेसर राम कुलकर्णी, कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराष्ट्र हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष शीतला प्रसाद दुबे, विशिष्ट अतिथि के रूप में सी एम डी गरगोटी मिनरल संग्रहालय नाशिक के के. सी. पाण्डेय एवं क्षेत्रीय भविष्य निधि के आयुक्त नाशिक के अनिल कुमार प्रीतम उपस्थित रहे। कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन डॉ सी पी मिश्र ने किया। गोविंद के इस उपलब्धि के लिए मुक्तकंठ साहित्य समिति के प्रधान संरक्षक कैलाश कुमार जैन बरमेचा, मुक्तकंठ साहित्य समिति के महासचिव नरेंद्र कुमार सिक्केवाल, उपाध्यक्ष अलोक कुमार चंदा, कोषाध्यक्ष – प्रकाश चन्द्र मंडल, सचिव सी ए भूषण चिपड़े, दुलाल समाद्दार, पल्लव चटर्जी, ब्रिजेश मल्लिक, डॉ जय प्रकाश शर्मा, मनोज कुमार शुक्ला, उज्वल प्रसन्ना, नुरूस्सबा ‘सबा’ खान,
सुचित्रा शर्मा, ओमवीर करण, संपादक प्रदीप, शंकर राय, भट्टाचार्य,सोमाली शर्मा, के अलावा मुक्तकंठ साहित्य समिति के बहुत से लोगों ने शुभकामनाएं और वधाईयां दी।