हिन्दी दिवस पर परिचर्चा सम्मान समारोह व सम्मेलन
हिन्दी दिवस पर परिचर्चा सम्मान समारोह व सम्मेलन,
नरसिंहपुर.. वरिष्ठ जन परिषद नरसिंहपुर द्वारा वरिष्ठ कवि रमाकांत गुप्ता नीर की अध्यक्षता,ओज कवि अशोक त्रिपाठी व राकेश माहेश्वरी काल्पनिक के मुख्य आतिथ्य में राम जानकी मंदिर धनारे कालोनी नरसिंहपुर में हिंदी दिवस पर परिचर्चा सम्मान समारोह और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना व गीतकार कृष्ण कांत चौबे के मधुर कविता पाठ से हुआ उन्होंने गाया.. राष्ट्र की जनचेतना हिंदी हमारी है,मां भारती के भाल की बिंदी ये प्यारी है।ओज हास्य कवि गुरुवर अशोक त्रिपाठी ने मातृभाषा का यशोगान यूं किया..पढ़ो लिखो प्रति दिवस मनाओ खूब अनंदी,सब भाषा में श्रेष्ट हमारी भाषा हिन्दी।
गीतकार सतीश तिवारी सरस ने खूबसूरत गीत गुनगुनाकर
लयात्मक अभिव्यक्ति यूं दी.. सबसे अच्छी भाषा अपनी इसमें प्रेम रस घोलें, बोलें हिन्दी की जय बोलें। कविवर हरिओम शर्मा ने अपनी सरस अभिव्यक्ति यूं दी..मेरी गरिमा मेरा गौरव,मेरा अभिमान है हिन्दी, मैं हूं पुजारी हिन्दी का,मेरी पहचान है हिन्दी। वरिष्ठ कवि राकेश माहेश्वरी काल्पनिक ने अपने काव्यपाठ में जिंदगी का रेखाचित्र यूं खींचा..बूढ़ी जिंदगी यूं रेत में दबी, पुरानी कश्ती दूर से देख रही है लहरों को उठते हुए ।
काव्यपाठ के इस क्रम में साहित्यकार रमाकांत गुप्ता नीर,डा महेश त्रिपाठी पं.सी बी शर्मा शशिकांत मिश्र एवं सूर्यकांत साहू ने भी अपना गरिमामय काव्यपाठ करते हुये हिंदी का यशोगान किया। कार्यक्रम के प्रथम चरण में सभी मूर्धन्य रचनाकारों का अध्यक्ष गणेश कुमार चतुर्वेदी सहित वरिष्ठ जन परिषद द्वारा स्वागत सम्मान और नागरिक अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें भगवत सिंह पटेल ने कहा कि हिंदी हमारे रोम रोम में बसी है।हम भाषा Nenu सदैव सम्मान करना चाहिए। वक्ताओं ने अपने – अपने उद्गार व्यक्त किए। कवि शर्मा जी ने संचालन किया। आभार अरुण करें ने अभिव्यक्त किया।