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(आलेख) हिंदी भाषा हमारी अस्मिता है।

(आलेख)
हिंदी भाषा हमारी अस्मिता है।

” सब की भाषा , प्रेम की भाषा।
हिंदी है भारत जन की भाषा।”

हिंदी हमारी राजभाषा है। हम भारत वासियों में कितने ऐसे लोग हैं जिन्हें अपनी भाषा से लगाव है? अधिकांश अंग्रेजी भाषा के जानकार लोग अंग्रेजी में बात करते हुए देखे जाते हैं। वे अंग्रेजी में बात करते हुए देखे जाते हैं। वे अंग्रेजी में बात करना शिक्षित होने के प्रमाण – पत्र एवं सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक मानते हैं। जब अन्य देशों के निवासी अपनी भाषा मीपनी बात कहना चाहते हैं , तब हम अपने देश की भाषा हिंदी में अपनी बात क्यों नही करते हैं ? महात्मा गांधी जी ने भी कहा था कि हर देश की पहचान वहां बोलने वाली भाषा से होती है। हिंदी के प्रयोग के लिए उन्होंने देश व्यापी आंदोलन भी चलाया था। उनका मानना था कि हिंदी ऐसी भाषा है जो देश को एक सूत्र में बांधे रख सकती हैं।
प्रति वर्ष हम 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाते हैं। आज भी हम हिंदी को वह सम्मान नही दिला पाए है जिसकी वह अधिकारी है। कार्यालयों में भी हिंदी का प्रयोग करने हेतु हम जागरूक होना होगा। आज हिंदी भाषी छात्र – छात्राओं को कई शिक्षण संस्थानों में नामांकन और शिक्षण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अतः हम कह सकते हैं कि हिंदी हमारी पहचान है और भविष्य में इसके उत्तरोत्तर वृद्धि की हम कामना करते हैं।

आशीष अम्बर
जिला – दरभंगा
बिहार

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