शिक्षक दिवस पर राज्यपाल सम्मान से सम्मानित होगे डाक्टर सत्यनारायण तिवारी
शिक्षक दिवस पर राज्यपाल सम्मान से सम्मानित होगे डाक्टर सत्यनारायण तिवारी
लोरमी-शिक्षक दिवस पर राज्यपाल सम्मान से सम्मानित होने वाले शिक्षक डाक्टर सत्यनारायण तिवारी का जन्म छत्तीसगढ राज्य के मुंगेली जिले अंतर्गत लोरमी विकासखंड के ग्राम सारधा मे दिनांक बारह अक्टूबर उन्नीस सौ सत्तर को समाजसेवी व प्रसिद्ध बासुरी वादक पंडित चंदूलाल तिवारी माता श्रीमती कौशल्या तिवारी के घर पर द्वितीय पुत्र के रूप में हुआ इधर जिस संस्था में अर्थात शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय सारधा मे कार्यरत है वही आपने दो वर्ष तक नि:शुल्क अध्यापन कार्य कराया पच्चीस सितंबर उन्नीस सौ अनठानबे से आपने कोटा विकासखंड के ही शासकीय प्राथमिक शाला आमने में शिक्षाकर्मी वर्ग तीन के रूप मे स्थानांतरित होकर बीस नवम्बर दो हजार चार तक वहां अपनी सेवाएं दी तत्पश्चात इक्कीस नवम्बर दो हजारसे बीस फरवरी दो हजार छह तक कोटा विकासखंड के ही खपराखोल नामक शासकीय प्राथमिक शाला में सेवाएं दी उसके बाद शिक्षाकर्मी वर्ग दो के रूप में आपकी पदोन्नति हुई तो चौदह फरवरी दो हजार छह के आदेश पर इक्कीस फरवरी दो हजार छह से शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक शाला डिंडोरी में अपने शिक्षकीय जीवन के सर्वाधिक सोलह वर्ष अपनी सेवाए दी वहां बीस फरवरी दो हजार छहसे दिनांक बारह अक्टूबर दो हजार बाइस तक की अवधि मे सामुदायिक सहभागिता के अनेक कार्य राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रो बैगा छात्रो की सहायता की आपने शासकीय हाईस्कूल तिलकपुर व शासकीय हाईस्कूल साल्हेघोरी के उन्नयन मे महत्वपूर्ण योगदान दिया वर्तमान मे आप बारह अक्टूबर दो हजार बाइस से शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सारधा में अपनी सेवाएं दे रहे है आपके प्रयास से शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सारधा में सभी बच्चों के लिए ठंड के मौसम में लगभग इक्कीस हजार रूपए के स्वेटर वितरण किए गए लगभग तीन हजार पांच सौ रूपए रुपए के पानी बोतल वितरित किए गए लगभग एक हजार पैसठ के कलम वितरित किए गए करीब दो हजार रूपए के कंपास छात्र-छात्राओं को वितरित किए गए मध्यान भोजन न्योता भोजन बच्चों की उपस्थिति तथा गुणवत्ता पूर्ण भोजन तथा उत्कृष्ट शिक्षा हेतु आपके द्वारा किए गए प्रयास सराहनीय एवम अनुकरणीय है आपने सन उन्नीस सौ पचहत्तर से बने पुराने मिडिल जर्जर भवन का डिस्मेंटलीकरण करने मैदान का समतलीकरण करने प्रवेश द्वार का जीर्णोद्धार करने तथा नवीन हाई स्कूल उन्नयन करने के लिए अथक प्रयास की आपने बाल्य काल से ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जब भी आप तालाब स्नान करने जाते वहां की सफाई और वृक्षारोपण का कार्य अवश्य ही करते ग्राम में उगता सूरज कला समिति नामक एक सांस्कृतिक संस्था थी जिसमें अपने नि:शुल्क अपना योगदान देते थे जब आप पदोन्नत होकर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला डिंडोरी पहुंचे उस समय शासन के द्वारा पुस्तक नहीं दी जाती थी तो आपने वृक्षारोपण पुस्तक दान मानव जीवन कर कल्याण का नारा देकर एक योजना चलाई आपने चलित वाचनालय भी चलाया मजदूर और श्रमिक के बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए आपने उनसे चर्चा की और उनके परंपरागत कार्यों में बच्चों को जोड़ते हुए उनके समय अनुसार विद्यालय में भेजने हेतु तैयार किया राज्य के बच्चों को सरकारी नौकरी की मृगतृष्णा से दूर रखते हुए अपने परंपरागत कार्यो के प्रति रुचि जागृत करने का भी प्रयास किया जिसमें लोहार सोनार दर्जी पेंटर किसान व्यापारी केवट एवं अन्य कलाकारों के बच्चों को उनकी परंपरागत धंधों के बारे में जागृत करने का प्रयास किया कक्षा को रुचिकर बनाने हेतु आपकी स्वरचित रचनाएं हमारे शिक्षकों को भी सहयोग प्रदान करती है आप मातृभाषा छत्तीसगढ़ी के प्रबल समर्थक रहे हैं आपने जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली के मार्गदर्शन में हमर चिन्हारी जिला मुंगेली नामक पुस्तक की प्रस्तावना छत्तीसगढ़ी में लिखी है तथा आपकी रचनाएं भी प्रकाशित हुई है इसके साथ ही साथ दैनिक समाचार पत्रों विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में आपके अनेक लेख एवं कविताएं छत्तीसगढ़ी तथा हिंदी दोनों भाषाओं में प्रकाशित होते रहते हैं इन रचनाओं में मुख्य लोगों को जागरूक करना छात्र छात्राओं को शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ना नामांकन अधिक से अधिक करना ठहराव पर जोर देना कुरीतियों पर प्रहार करना शासन की योजनाओं से लोगों को अवगत कराना भ्रांत धारणाओं को उन्मूलन करना सामाजिक समरसता पैदा करना समाज में सद्भाव व प्रेम की स्थापना करना नारी शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल होते हैं आपने अनेक मंचों से छत्तीसगढ़ी भाषा में शिक्षा की मांग की है छत्तीसगढ़ी भाषा बहुत ही मधुर सहज सरल और हृदय स्पर्शी है समझ कर बोलना सुनाना शिक्षा के महत्वपूर्ण इकाई है आपने लगभग दो लाख पौधे बिना किसी प्रदर्शन के रोपण करवाया है इसके कारण आपको पर्यावरण मित्र का सम्मान मिला शिक्षा साहित्य एवं समाज सेवा के क्षेत्र में आपको शताधिक शासकीय एवं अशासकीय सम्मान प्राप्त हो चुके हैं आप मानते हैं कि एक सफल शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में नहीं बल्कि पढ़ने में विश्वास करता है सीखने में विश्वास करता है और आप निरंतर सीखने का विकास करते रहते हैं इसी कारण आपकी कक्षा आपका व्याख्यान सदैव रोचक रहता है तथा नवीन बातों को आत्मसात करने की आपकी जो आदत है बहुत ही सराहनीय है आप चाहते हैं की सभी सुखी निरोगी हो और प्रेम से रहे विकास की गाथा लिखे सरकारी नौकरी के पीछे ना भागे प्रत्येक मनुष्य को भगवान ने एक जन्मजात गुण दिया है उनके अंतर्निहित गुण को बाहर लाना तथा उनका विकास करना ही सच्ची शिक्षा है ऐसा आप मानते है समय का नियोजन कर बिना विचलित हुए शिक्षा साहित्य एवं समाज सेवा में लगे रहना आपकी विशेषता है आप निरंतर लगे रहने में विश्वास करते हैं सहजता आपका विशेष गुण है सरलता आपकी दिनचर्या है हृदय की उदारता आपका आभूषण है मिलनसारिता आपके विशेष अस्त्र हैं आप जिस शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सारधा में वर्तमान में शिक्षक हैं वही आपने पढ़ाई भी की है यह आपके लिए गर्व और गौरव का पल है इसीलिए आप अत्यधिक उत्साह से विद्यालय विकास हेतु तत्पर है। आप अभी तक मुख्यमन्त्री गौरव शिक्षा अलंकरण ज्ञानदीप पुरस्कार, उत्कृष्ट शिक्षक, साहित्यकार, समाज सेवक के सौ से अधिक शासकीय एवम अशासकीय सम्मान से सम्मानित किए जा चूके है।इस वर्ष 5सितम्बर 2024को शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन मे छत्तीसगढ के राज्यपाल व मुख्यमंत्री के हाथो आप सहित प्रदेश कै 52 शिक्षको को राज्यपाल सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।