ग्रामोदय विश्वविद्यालय में गुरु पूर्णिमा उत्सव संपन्न (गुरुजनों के सम्मान और आशीर्वचनों के अभिभूत हुए विद्यार्थी)
ग्रामोदय विश्वविद्यालय में गुरु पूर्णिमा उत्सव संपन्न
(गुरुजनों के सम्मान और आशीर्वचनों के अभिभूत हुए विद्यार्थी)
चित्रकूट, 22 जुलाई 2024। आज महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के बाल्मीकि सभागार, सीएमसीएलडीपी भवन में आयोजित दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव कार्यक्रम का समापन कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने किया। उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर संपन्न इस कार्यक्रम में गुरुजनों के सम्मान और उनके आशीर्वचनों से ग्रामोदय विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अभिभूत हुए। इस मौके पर ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा सहित अनेक गुरु जनों को विद्यार्थियों ने पूर्ण श्रद्धा के साथ
सम्मानित किया। संगीत ईकाई के विद्यार्थियों ने कुलगीत और सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
इस अवसर पर कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मध्य प्रदेश शासन की भावना के अनुरूप ग्रामोदय विश्वविद्यालय में गुरु पूर्णिमा उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया है। मुझे प्रसन्नता है कि इस आयोजन के माध्यम से विद्यार्थियों को अपने गुरु जनों की वंदना,पूजन और सम्मान करने का सुअवसर मिला है।
दूसरे दिन के कार्यक्रम में शामिल गुरुजनों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के संयोजक और
विज्ञान और पर्यावरण संकाय के अधिष्ठाता प्रो आई पी त्रिपाठी ने गुरु के आदर्श विषय पर केंद्रित अपने व्याख्यान में मे प्रमुख गुरुओं की जीवन गाथा और उनके शिक्षण सिद्धांत को प्रस्तुत किया।
कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो नंद लाल मिश्रा ने योग और ध्यान विषय पर केंद्रित अपने व्याख्यान में योग और ध्यान को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी बताया।
अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ आञ्जनेय पांडेय ने शिक्षा मे नवाचार विषय पर केंद्रित अपने व्याख्यान में आधुनिक शिक्षा प्रणाली में नवाचार की भूमिका और उसकी आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
ऊर्जा एवं पर्यावरण विभाग के अध्यक्ष प्रो घनश्याम गुप्ता ने रामचरित मानस में वर्णित दोहा और चौपाई के माध्यम से गुरु के महत्व को रेखांकित किया। प्र. कुलसचिव डॉ ललित कुमार सिंह और डॉ अजय कुमार ने गुरु के आदर्श विषय पर केंद्रित अपने विचार रखे। संचालन डॉ आर के पांडेय और आभार प्रदर्शन प्रो आई पी त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर ग्रामोदय विश्वविद्यालय के गुरुजन, कर्मचारी और विद्यार्थी गण मौजूद रहे।