राघव के पिता बोले, टीएमयू के डॉक्टर्स दूत, फिर मुस्कुराएगा बेटा
राघव के पिता बोले, टीएमयू के डॉक्टर्स दूत, फिर मुस्कुराएगा बेटा
नोएडा रवाना होने से पूर्व राघव राजपूत के संग पिता श्री नकुल सिंह और माता श्रीमती कुसुमलता तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर आए, कुलाधिपति श्री सुरेश जैन का लिया आशीर्वाद, ईएनटी के एचओडी डॉ. प्रोबल चटर्जी से भी की मुलाकात, उम्मीद जताई, टीएमयू के डॉक्टर्स की मदद से फिर बोले सकेगा-सुन सकेगा राघव, डॉ. चटर्जी बोले, नोएडा से स्पीच प्रोसेसर को आने के बाद हम फिट कर देंगे
छह साल का मूक बधिर राघव राजपूत फिर से बोल सकेगा-सुन सकेगा। नोएडा रवाना होने से पूर्व राघव के संग पिता श्री नकुल सिंह और श्रीमती कुसुमलता तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, मुरादाबाद आए। पिता नकुल सिंह ने कहा, जन्म से मूक बधिर राघव को टीएमयू हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने नया जीवन दिया। साथ ही उम्मीद जताई, नोएडा से स्पीच प्रोसेसर आने के बाद राघव के पुनर्जन्म का श्रेय भी टीएमयू के डॉक्टर्स की टीम को ही जाएगा। राघव और उसके माता-पिता ने कुलाधिपति श्री सुरेश जैन से आशीर्वाद भी लिया। उल्लेखनीय है, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग डिसेबिलिटीज की एडीआईपी योजना के अंतर्गत राघव का कॉक्लियर इम्प्लांट हुआ था। राघव न केवल बोलने और सुनने लगा, बल्कि स्कूल जाने के संग-संग साथियों के साथ खेलने भी लगा। टीएमयू हॉस्पिटल के इतिहास में पहली बार हुए कॉक्लियर इम्प्लांट के बाद राघव के जीवन में खुशियां लौट आई, लेकिन करीब एक माह पूर्व मानो राघव की खुशियों को ग्रहण सा लग गया। टीएमयू में स्पीच थैरेपी कराने आते समय हुए एक हादसे में वह अपना स्पीच प्रोसेसर गवां बैठा। ईएनटी के एचोडी डॉ. प्रोबल चटर्जी कहते हैं, नोएडा से स्पीच प्रोसेसर को आने के बाद हम फिट कर देंगे। मंडलायुक्त श्री आन्जनेय कुमार सिंह के अथक प्रयासों के बाद राघव फिर से मुस्कुराने लगेगा। बोलने लगेगा। सुनने लगेगा। स्कूल जाने लगेगा। दोस्तों के साथ खेल का आनन्द भी ले सकेगा।
मुरादाबाद निवासी श्री नकुल सिंह के दो बच्चों में पांच बरस का दूसरा बेटा राघव राजपूत दीगर बच्चों के जैसे ही नार्मल जन्मा था, लेकिन बाद में पता चला कि राघव न तो बोल पाता है और न ही सुन पाता है। राघव का बहुत से डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। डॉक्टर्स ने कॉक्लियर इम्प्लांट कराने की सलाह दी, लेकिन यह सर्जरी इतनी अधिक मंहगी है कि पिता के लिए यह सर्जरी कराना आसान नहीं था। फिर उन्हें पता चला कि केन्द्र सरकार की योजना के तहत टीएमयू हॉस्पिटल में इस इम्प्लांट की निःशुल्क सुविधा है। इसी योजना के तहत राघव का तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल में अगस्त, 2023 में कॉक्लियर इम्प्लांट कर दिया गया था। करीब दो घंटे तक चली कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी को ईएनटी के एचोडी डॉ. प्रोबल चटर्जी, एन्सथीसिया विभाग के एचओडी डॉ. मुकेश प्रसाद, डॉ. अक्षय जैन और उनकी टीम ने अंजाम दिया था। केन्द्र सरकार की एडीआईपी योजना के अंतर्गत कॉक्लियर इम्प्लांट के लाभार्थी अधिकतम 05 साल तक के बच्चे हैं। बशर्ते उनके परिवार की मासिक आय 15 हजार रूपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। योजना के पात्रों के लिए टीएमयू में कॉक्लियर इम्प्लांट से लेकर सर्जरी, जांचे, दवाइयां, रूम और भोजन की व्यवस्था निःशुल्क है।
ईएनटी के एचोडी डॉ.चटर्जी कहते हैं, एवीटी के संग-संग दो साल तक स्पीच थैरेपी चलती है। राघव हमेशा समय पर स्पीच थैरेपी कराने आता रहा है। डॉ. चटर्जी बताते हैं, स्पीच प्रोसेसर की लाइफ आजीवन है। डॉ. चटर्जी एक सवाल के जवाब में कहते हैं, यूं तो यह ऑपरेशन बहुत महंगा है। कॉक्लियर की बाजार कीमत करीब छह लाख रूपए है। दो लाख रूपए और खर्च आ जाता है, लेकिन इस स्कीम में राघव का यह ऑपरेशन बिल्कुल फ्री हुआ था। वह यह भी याद दिलाते हैं, यदि कोई बच्चा जन्मजात इस रोग का शिकार है तो उसे जल्द से जल्द ऑपरेशन करा लेना चाहिए।