‘शब्दाक्षर’ के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री बने धनंजय जयपुरी,साहित्यिक क्षेत्र में खुशी की लहर
‘शब्दाक्षर’ के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री बने धनंजय जयपुरी,साहित्यिक क्षेत्र में खुशी की लहर
औरंगाबाद 30/4/24
औरंगाबाद जिले के प्रख्यात कवि एवं लेखक, जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के महामंत्री एवं राष्ट्रीय स्तर की साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ के जिलाध्यक्ष धनंजय जयपुरी को ‘शब्दाक्षर’ के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री के पद पर मनोनीत किए जाने पर औरंगाबाद जिले के साहित्यकारों ने बधाई दी है।जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र,उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी, संरक्षक ज्योतिर्विद शिवनारायण सिंह, कवि विनय मामूली बुद्धि, नागेंद्र प्रसाद केसरी, अनिल अनल, जनार्दन मिश्र जलज, अनुज बेचैन, हिमांशु चक्रपाणि सहित अन्य साहित्यकारों ने बधाई संदेश में कहा कि जयपुरी जी का औरंगाबाद जिले में साहित्य के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान है। आज साहित्य के क्षेत्र में औरंगाबाद ने बिहार स्तर पर अपनी पहचान बनाई है जिसका श्रेय जयपुरी जी को जाता है। साथ ही नवोन्मेष लेखकों को भी इन्होंने काव्य लेखन के प्रति जागरूक किया है। शब्द के चितेरे, समकालीन जवाबदेही, संज्ञा-दर्पण, चित्रा- दर्पण जैसी विविध चर्चित पुस्तकों, पत्रिकाओं में नए लेखकों को जोड़कर इन्होंने विशिष्ट उपलब्धि हासिल की है। ‘शब्दाक्षर’ संस्था के माध्यम से इन्होंने औरंगाबाद जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर साहित्य को प्रसारित एवं प्रचारित करने का कार्य किया है। जयपुरी जी रचित ‘गीता द्रुतविलंबित’, ‘कहानी अपनी-अपनी’ एवं ‘सतबहिनी चालीसा’ खड़ी बोली की अमूल्य कृतियों में से हैं।शब्दाक्षर के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह द्वारा इस संबंध में पत्र जारी कर राष्ट्रीय प्रचार मंत्री मनोनीत किए जाने की सूचना दी गई। शिव शिष्य पुरुषोत्तम पाठक, अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ रामाधार सिंह, डॉ शिवपूजन सिंह, कवि लवकुश प्रसाद सिंह अवकाश प्राप्त दारोगा सिंहेश सिंह एवं मुरलीधर पांडेय, समाजसेवी शिक्षक अशोक पांडेय ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इससे औरंगाबाद जिला गौरवान्वित हुआ है।