राष्ट्रीय स्तर की साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ की काव्य- संगोष्ठी में राजमाता असीमा सिंह ने किया काव्य-पाठ
राष्ट्रीय स्तर की साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ की काव्य- संगोष्ठी में राजमाता असीमा सिंह ने किया काव्य-पाठ
औरंगाबाद 14/4/24
जिला मुख्यालय स्थित बिहार केसरी श्री कृष्ण सिंह स्मृति भवन के सभागार में सतुआन पर्व के मौके पर राष्ट्रीय स्तर की साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ जिला इकाई औरंगाबाद के तत्वावधान में एक काव्य
-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने किया जबकि संचालन ‘शब्दाक्षर’ के जिलाध्यक्ष धनंजय जयपुरी द्वारा किया गया।मुख्य अतिथि के रूप में साहित्यकार सह बस्ती राजघराने की राजमाता असीमा सिंह की गरिमामई उपस्थिति रही। विशिष्ट अतिथि की भूमिका का निर्वहन मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने किया। गोष्ठी की शुरुआत प्रसिद्ध गजलकार एवं नवोदित कवि हिमांशु चक्रपाणि ने भगवान राम को संपोषित काव्यपाठ किया। जेपी आंदोलन के सेनानी कवि अजय श्रीवास्तव ने “रोटी खातिर जिंदगी बदनाम हो गईल”नामक मार्मिक कविता सुनाई तो शतचंडी चालीसा के रचनाकार नागेंद्र कुमार केसरी ने “इक नन्हा बच्चा सोया था” नामक कविता की प्रस्तुति दी। अनिल अनल ने होली गीत गाया तो विनय मामूली बुद्धि के व्यंग्यवाण ने सबको खूब हंसाया। अनुज बेचैन ने अपनी रचना के माध्यम से प्रेमचंद की आधिकारिक कहानियां पर प्रकाश डाला। प्रसिद्ध ज्योतिर्विद शिवनारायण सिंह के वक्तव्य पर लोगों ने खूब तालियां बजाई तो समकालीन जवाबदेही पत्रिका के प्रधान संपादक ने अपनी वाणी से सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। जनार्दन मिश्र जलज, दिनेश सिंह, सुरेश विद्यार्थी ने भी काव्य पाठ के माध्यम से अपनी सनातन पद्धति की ओजस्विता का बखान किया। मुख्य अतिथि राजमाता ने काव्य के विभिन्न विधाओं की चर्चा की। राज्यवर्धन सिंह ने ‘रश्मिरथी’ की पंक्तियों से जन मानस में वीर रस का संचार कर दिया। मौके पर श्वेता सिंह, संजय मौआर, नितिन निशांत, विवेक गौतम, चंद्रकांत कुमार, अंजनी कुमार सहित अन्य उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने किया।