Search for:
  • Home/
  • क्षेत्र/
  • काव्य रस साहित्य मंच रायबरेली द्वारा चार साहित्यकारों की वैवाहिक वर्षगांठ पर विशाल ऑनलाइन कवि सम्मेलन संपन्न

काव्य रस साहित्य मंच रायबरेली द्वारा चार साहित्यकारों की वैवाहिक वर्षगांठ पर विशाल ऑनलाइन कवि सम्मेलन संपन्न

काव्य रस साहित्य मंच रायबरेली द्वारा चार साहित्यकारों की वैवाहिक वर्षगांठ पर विशाल ऑनलाइन कवि सम्मेलन संपन्न
लखनऊ, रायबरेली काव्य रस साहित्य मंच पर वरिष्ठ साहित्यकार शिवनाथ सिंह शिव, पूर्णिमा सुमन और सुधीर रंजन, ईश्वर चंद जायसवाल की वैवाहिक वर्षगांठ पर एक विशाल ऑनलाइन कवि सम्मेलन का रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया,जो बीती रात्रि ८.१५ से आरंभ होकर १.२५ तक चलता रहा। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार राम मनोहर लाल ने की। कार्यक्रम का आरंभ निधि बोथरा, इस्लामपुर पश्चिम बंगाल द्वारा प्रस्तुत वाणी वंदना से हुआ। स्वागत गीत आभा गुप्ता इंदौर, पटल गीत शिवनाथ सिंह ‘शिव’, रायबरेली ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्णिमा सुमन, धनबाद, झारखंड सुधीर रंजन ,विशिष्ट अतिथि ईश्वर चंद जयसवाल , संतोष श्रीवास्तव, अतिविशिष्ट अतिथि ओम ऋषि भारद्वाज थे।
प्रथम सत्र का संचालन निधि बोथरा इस्लामपुर ने किया, जिसमें दिनेश कुमार दुबे,अवधेश कुमार श्रीवास्तव,रामबहाल सिंह बहाल वाराणसी,डाॅ. राजेश शर्मा, सर्जेंट अभिमन्यु ,अरफा साइमन,डाॅ. मीना कुमारी परिहार, इंद्रेश भदौरिया “अवधी सम्राट ” रायबरेली,ज्ञानेनद्र पांडेय ‘अवधी मधुरस ‘अमेठी,आभा गुप्ता , इन्दौर ने काव्य पाठ किया।
द्वितीय सत्र संचालन आभा गुप्ता ने किया, जिसमें रामदेव शर्मा राही छाता मथुरा,राम मनोहर लाल ,छोटे लाल सिंह चौहान रायबरेली,संजूला सिंह , जमशेदपुर, शिवनाथ सिंह “शिव” रायबरेली,चन्द्रा साहू चर्चित,खालिद हुसैन सिद्दीकी, राम राज भारती लखनऊ, कल्पना केसर , झारखंड, डॉ गीता पांडे , अपराजिता ने काव्य पाठ किया।
तृतीय सत्र का संचालन मधुलिका स्वरूप ने किया, जिसमें श्रीपति रस्तोगी, लखनऊ, डॉ. रामप्यारे विश्वकर्मा ‘राम’ चित्रकूट,सुधीर श्रीवास्तव, गोड़ा, गिरिराज शर्मा ठेठ मलिहाबादी, डाॅ शशी जयसवाल, ओम ऋषि भारद्वाज, पूर्णिमा सुमन,संजीदा खानम एवं
ईश्वर चन्द्र जायसवाल ने काव्य पाठ किया। अतिथियों एवं अध्यक्षीय काव्य पाठ ने सबका मन मोह लिया। चार साहित्यकारों की वैवाहिक वर्षगांठ पर लगातार पांच घंटे दस मिनट तक गीत, गजल,छंद ,मुक्तक एवं सरस काव्य धारा ने सबको बहुत आनंदित किया। अंत में सभी श्रोताओं को धन्यवाद शिवनाथ सिंह शिव ने दिया।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required