विवेकानंद स्वामी
विवेकानंद स्वामी
कोलकत्ता में जन्म लिए थे
विश्व विख्यात व्यक्ति बने थे
देश के विशाल मनीषी थे
आत्म ज्ञान के पुरोधा थे
बचपन में नरेन्द्र नाम से प्रसिद्ध थे श्रीनिवास
उन्नति से विकास होता है
देश आगे बढ़ता है
समाज विकसित होता है
मानव खुशहाल होता है
विकास से परिवर्तन होता है श्रीनिवास!
सुबह योग करना है
बाद में स्नान करना है
तब गीता पठन करना है
इससे बुध्दि को शक्ति मिलती है
यह विवेकांनद की बात है श्रीनिवास!
मजबूत शरीर होना है
और मजबूत मन भी होना है
मन में भय नहीं होना है
स्नेह भाव से रहना है
इस के लिए पुस्तक पढ़ना है श्रीनिवास!
मानव की सेवा करना
आत्म चेतना को पाना
देश भक्ति की भावना होना
आध्यात्म विकास बढ़ाना
इससे देश भक्ति की होती भावना श्रीनिवास!
देश विकास के लिए
गांव प्रगति के लिए
समाज उन्नति के लिए
व्यक्तित्व विकास के लिए
हमें प्रयत्न करना चाहिए श्रीनिवास!
युवकों को संदेश देता है
उन में चेतना भर देता है
कर्तव्य का बोध कराता है
देश के लिए युवक जागृत होता है
वे महान व्यक्ति है श्रीनिवास!
मानव जन्म कठिन होता है
इसे मानव को सार्थक करना है
सेवा की भावना उत्तम है
गरीब लोगों की सेवा करना है
दूसरों की सेवा से मिला पुण्य मिलता है श्रीनिवास!
रामकृष्ण परम हंस के शिष्य थे
अमृत वाक्यों से सतर्क किये थे
युवकों में आत्मबल बढ़ाते थे
नव जीवन निर्माण की नीव थे
वे आशा ज्योति के स्वामी है श्रीनिवास!
स्वशक्ति से जीना जरूरी है
निर्भय से रहना अनिवार्य है
मानवत्व को बढ़ाना आवश्यक है
लक्ष्य को पहुंचना जरूरत है
अपने कर्तव्य को निभाना है श्रीनिवास!
श्रीनिवास यन
आँध्रप्रदेश