वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर दिनेश चंद अवस्थी सहित अनेक साहित्यकारों को हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग ने अलंकृत किया
वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर दिनेश चंद अवस्थी सहित अनेक साहित्यकारों को हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग ने अलंकृत किया
प्रयाग/लखनऊ , हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा अपने स्थापना काल से हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार एवं संवर्धन में संबद्ध है। प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी साहित्य के साहित्यकारों एवं हिंदी में किसी विषय पर लिखने वाले अनेकों साहित्यकारों को साहित्य वाचस्पति,साहित्य महोपाध्याय मानद उपाधि से सम्मानित करता है। इस वर्ष साहित्य महोपाध्याय मानद सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर दिनेश चंद अवस्थी जी को राजर्षी टंडन मंडपम के पी कक्कड़ रोड प्रयाग राज में आयोजित भव्य समारोह में दिया गया।
उल्लेखनीय है कि अवस्थी जी का जन्म 15 अगस्त 1951 लखीमपुर खीरी में हुआ,आपके पिता जी स्व.अवध बिहारी लाल आवास अवस्थी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। आपने एम ए द्वय,(इतिहास, हिंदी अनुवाद) एलएलबी, पीएचडी एवं उर्दू में डिप्लोमा धारक है। उत्तर प्रदेश सचिवालय से विशेष सचिव पद से सेवानिवृत हुए । आप उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान के संस्थापक एवं बाइस वर्ष तक महामंत्री रहे एवं वर्तमान में कार्यकारिणी सदस्य हैं।
आपकी प्रकाशित आठ कृतियां हिंदी साहित्य कोष में विशेष योगदान देती हैं। यथा दिनेश की कुंडलियां(काव्य संग्रह),सामयिक कुंडलियां(काव्य संग्रह),भावांजलि(काव्य संग्रह),एहसास की खुशबू(फारसी लिपि में हिंदी कविताओं का लिपयांतरण), कवि प्रदीप का हिंदी साहित्य में अवदान, पद्यात्मक सुक्तिकोष, दोहा वल्लरी (काव्य संग्रह) एवं दिनेश दोहावली। स्वभाव से मृदु भाषी एवं साहित्यकारों का बहुत आदर करतें हैं। तीन दशक से अधिक हिंदी साहित्य/समाज सेवा अनवरत कर रहे हैं। इन्ही सेवाओं के चलते हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग के चयन मंडल ने चयनित कर डॉक्टर दिनेश चंद अवस्थी को साहित्य महोपाध्याय मानद उपाधि से अलंकृत किया ।